साहित्य की सबसे प्रतिष्ठित संस्था साहित्य अकादेमी ने वर्ष 2025 के युवा साहित्य पुरस्कार और बाल साहित्य पुरस्कार की घोषणा कर दी है। इस वर्ष हिंदी भाषा में युवा पुरस्कार से सम्मानित की गईं हैं झारखंड की लेखिका डॉ. पार्वती तिर्की, जबकि बाल साहित्य पुरस्कार भोपाल के लेखक सुशील शुक्ल को प्रदान किया जाएगा।
युवा साहित्य पुरस्कार 2025: डॉ. पार्वती तिर्की
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सम्मानित कृति: फिर उगना (कविता संग्रह)
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प्रकाशन वर्ष: 2023 (राधाकृष्ण प्रकाशन)
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लेखिका का परिचय:
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जन्म: 16 जनवरी 1994, गुमला, झारखंड
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समुदाय: कुड़ुख आदिवासी
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शिक्षा: बीएचयू से पीएचडी (कुडुख गीतों पर शोध)
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वर्तमान कार्य: रांची विश्वविद्यालय के अंतर्गत राम लखन सिंह यादव कॉलेज में सहायक प्राध्यापक
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संग्रह की विशेषताएँ:
‘फिर उगना’ में आदिवासी जीवन, जंगल, धरती, चाँद-सितारे और सांस्कृतिक स्मृतियाँ बेहद भावनात्मक और सौंदर्यात्मक रूप से अभिव्यक्त हुई हैं। पार्वती की कविताएँ संवाद का माध्यम हैं, जो समाज और प्रकृति के बीच एक सजीव सेतु बनाती हैं।
पार्वती तिर्की ने कहा:
"मैंने अपनी कविताओं के माध्यम से आदिवासी जीवन की गहराई, प्रकृति से रिश्ते और सांस्कृतिक संघर्ष को उकेरने का प्रयास किया है। यह पुरस्कार मेरे जैसे ग्रामीण परिवेश से आने वाले युवाओं के लिए प्रेरणा है।"
बाल साहित्य पुरस्कार 2025: सुशील शुक्ल
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सम्मानित कृति: एक बटे बारह (बाल कथा संग्रह)
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प्रकाशन वर्ष: 2022
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लेखक का परिचय:
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निवास: भोपाल, मध्य प्रदेश
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अनुभव: 18 वर्षों से बाल साहित्य लेखन
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पद: एकतारा - बाल साहित्य केंद्र के निदेशक
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अन्य कार्य: ‘सायकिल’ और ‘प्लूटो’ जैसी बाल पत्रिकाओं के सह-संपादक
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कृति की विशेषता:
‘एक बटे बारह’ में बच्चों की जिज्ञासा, कल्पनाशीलता और संवेदनशीलता को अत्यंत रोचक, सरल और बौद्धिक शैली में प्रस्तुत किया गया है। यह संग्रह बच्चों के साथ-साथ अभिभावकों और शिक्षकों के लिए भी उपयोगी है।
सुशील शुक्ल ने कहा:
"आज का बच्चा केवल मनोरंजन नहीं, समझदारी और संवेदना चाहता है। बाल साहित्य को अब और गंभीरता और कल्पनाशीलता की ज़रूरत है।"
पुरस्कार विवरण
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प्रत्येक पुरस्कार में ₹50,000 नगद राशि, ताम्रफलक (ब्रॉन्ज प्लेट), शॉल और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाएगा।
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पुरस्कार समारोह इस वर्ष के अंत में आयोजित किया जाएगा।
📖 साहित्य अकादेमी पुरस्कारों की भूमिका
युवा साहित्य पुरस्कार 35 वर्ष से कम आयु के लेखकों को प्रोत्साहित करने हेतु 2011 में आरंभ किया गया था। वहीं, बाल साहित्य पुरस्कार 2010 में शुरू हुआ, जो 9 से 16 वर्ष की उम्र के बच्चों के लिए उपयुक्त साहित्य रचने वाले लेखकों को सम्मानित करता है।
इन पुरस्कारों का उद्देश्य भारतीय भाषाओं में साहित्यिक नवाचार को बढ़ावा देना और नई पीढ़ी के लेखकों को पहचान दिलाना है।