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भौम प्रदोष व्रत 2025: आज है विशेष संयोग, जानिए पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और व्रत का महत्व

Published on July 8, 2025 by Priti Kumari

भौम प्रदोष व्रत 2025: आज है विशेष संयोग, जानिए पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और व्रत का महत्व

आज 8 जुलाई 2025, मंगलवार को भौम प्रदोष व्रत मनाया जा रहा है। वैदिक पंचांग के अनुसार, यह व्रत हर महीने की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष काल में रखा जाता है। जब यह दिन मंगलवार को पड़ता है, तब इसे भौम प्रदोष व्रत कहा जाता है। इस दिन शिवभक्त व्रत और पूजा करके भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त करते हैं।

 शुभ मुहूर्त

  • प्रदोष काल प्रारंभ: शाम 07:16 बजे

  • प्रदोष काल समाप्त: रात 09:16 बजे

  • त्रयोदशी तिथि प्रारंभ: 8 जुलाई 2025 को दोपहर 01:37 बजे

  • त्रयोदशी तिथि समाप्त: 9 जुलाई 2025 को दोपहर 03:09 बजे

इस दौरान भगवान शिव की विधिवत आराधना करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।

 भौम प्रदोष व्रत का महत्व

भौम प्रदोष व्रत विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी होता है जिनकी कुंडली में मंगल दोष है। ऐसा माना जाता है कि इस व्रत को करने से भगवान शिव और मंगल ग्रह की कृपा से कर्ज, रोग, और संकटों से मुक्ति मिलती है। वैवाहिक जीवन में सुख-शांति आती है और मानसिक तनाव दूर होता है।

 पूजा विधि

  1. व्रती को प्रातः स्नान कर व्रत का संकल्प लेना चाहिए।

  2. दिन भर व्रत रखते हुए सात्विकता का पालन करें।

  3. प्रदोष काल में शिवलिंग का जल, दूध, दही, शहद, घी, गंगाजल से अभिषेक करें।

  4. बेलपत्र, धतूरा, आक, फूल और फल चढ़ाएं।

  5. शिव चालीसा, महामृत्युंजय मंत्र या "ॐ नमः शिवाय" का जाप करें।

  6. अंत में शिव आरती करें और प्रसाद वितरित करें।

 इस दिन क्या न करें?

  • किसी पर क्रोध न करें, झूठ बोलने से बचें।

  • मांसाहार, नशा और तामसिक भोजन से दूर रहें।

  • दूसरों का अपमान न करें और शारीरिक हिंसा से बचें।

  • लालच, मोह और द्वेष जैसी भावनाओं से दूरी बनाएं।

 व्रत करने के लाभ

  • जीवन में चल रही बाधाओं से मुक्ति

  • मानसिक और शारीरिक शांति

  • मंगल ग्रह के दुष्प्रभाव से राहत

  • वैवाहिक जीवन में सामंजस्य

  • धन और ऋण संबंधित समस्याओं का समाधान

Categories: धार्मिक समाचार