दिल्ली इन दिनों कांवड़ यात्रा के रंग में डूबी हुई है। सड़कों पर भगवा परिधानों में लिपटे हजारों शिवभक्त, हाथों में गंगाजल लिए, "बोल बम" के जयघोष के साथ आगे बढ़ रहे हैं। लेकिन इस धार्मिक उत्सव के साथ ही सुरक्षा की चुनौती भी कम नहीं है। इसे देखते हुए दिल्ली पुलिस ने इस बार सुरक्षा के लिए एक अभूतपूर्व ‘महाकवच’ तैयार किया है।
सुरक्षा में कोई कमी नहीं: 5000 से ज्यादा जवान और 50 अर्धसैनिक कंपनियां
कांवड़ यात्रा के दौरान भीड़ को संभालना, ट्रैफिक को नियंत्रित करना और किसी भी अप्रिय घटना को रोकना, पुलिस के लिए एक बड़ी जिम्मेदारी है। इसी को ध्यान में रखते हुए राजधानी के अलग-अलग हिस्सों में 5000 से ज्यादा पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है। इसके साथ ही 50 कंपनियां अर्धसैनिक बलों की भी मैदान में हैं, जो हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं।
आसमान से निगरानी: ड्रोन और CCTV की मदद से 24x7 नजर
इस बार सुरक्षा को टेक्नोलॉजी से जोड़ा गया है। दिल्ली के कई प्रमुख रूट्स पर ड्रोन कैमरे उड़ाए जा रहे हैं, जो श्रद्धालुओं की गतिविधियों पर निगरानी रख रहे हैं। इसके अलावा सैकड़ों CCTV कैमरे लगाए गए हैं, जिससे पुलिस कंट्रोल रूम से लगातार मॉनिटरिंग हो रही है। कोई भी संदिग्ध गतिविधि तुरंत पकड़ में आ सके, इसके लिए स्पेशल क्यूआरटी (Quick Response Teams) और PCR वैनें भी तैनात हैं।
यातायात में बदलाव और विशेष प्रबंध
कांवड़ियों के लिए स्पेशल कोरिडोर बनाए गए हैं ताकि उनकी यात्रा सुरक्षित और आसान हो। NH-1, NH-9, जीटी रोड, शाहदरा, करोल बाग जैसे क्षेत्रों में ट्रैफिक रूट में बदलाव किया गया है। पुलिस का फोकस है कि श्रद्धालु बिना किसी बाधा के अपनी यात्रा पूरी कर सकें और आम जनता को भी न्यूनतम असुविधा हो।
कांवड़ शिविरों पर भी सख्त निगरानी
दिल्ली में कांवड़ियों के लिए 374 आधिकारिक कैंपों को मंजूरी दी गई है, जहां भोजन, पानी, दवाइयों और आराम की व्यवस्था की गई है। इन कैंपों की भी ड्रोन और CCTV के जरिए निगरानी की जा रही है, ताकि किसी तरह की गड़बड़ी न हो।
पुलिस की अपील: सहयोग करें, सतर्क रहें
दिल्ली पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे ट्रैफिक एडवाइजरी का पालन करें, अफवाहों से बचें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत दें। श्रद्धालुओं से भी अनुरोध किया गया है कि वे नियमों का पालन करें और यात्रा को शांतिपूर्ण बनाएं।
आस्था और सुरक्षा का संतुलन
कांवड़ यात्रा दिल्ली के धार्मिक और सांस्कृतिक परिदृश्य का एक अहम हिस्सा है। ऐसे में यह जरूरी हो जाता है कि श्रद्धालु अपनी आस्था के साथ चलें और प्रशासन सुरक्षा व्यवस्था को निर्बाध बनाए रखे। इस बार का बंदोबस्त देखकर साफ है कि दिल्ली पुलिस ने आस्था और सुरक्षा के बीच संतुलन बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है।