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बांग्लादेश में सत्यजीत रे के पुश्तैनी घर पर संकट, भारत ने जताई चिंता

Published on July 16, 2025 by Priti Kumari

प्रसिद्ध फ़िल्मकार सत्यजीत रे के बांग्लादेश स्थित पुश्तैनी घर को गिराए जाने की योजना पर विवाद गहरा गया है। भारत सरकार और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस निर्णय पर गंभीर चिंता और गहरा अफ़सोस व्यक्त किया है। भारत ने इसे भारत-बांग्लादेश की साझा सांस्कृतिक विरासत बताते हुए इसे संरक्षित रखने की अपील की है।

एक सदी पुरानी विरासत खतरे मेंThumbnail Preview

मैमनसिंह के हरिकिशोर रे चौधरी रोड पर स्थित यह भवन सत्यजीत रे के दादा, प्रसिद्ध लेखक-प्रकाशक उपेंद्र किशोर राय चौधरी द्वारा लगभग सौ साल पहले बनवाया गया था। बांग्लादेश में विभाजन के बाद यह संपत्ति सरकारी नियंत्रण में आ गई और 1989 से इसका उपयोग शिशु एकेडमी के रूप में होता रहा। वर्तमान में प्रशासन इसे गिराकर एक नई इमारत बनाना चाहता है।

भारत सरकार की प्रतिक्रिया

भारत के विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को एक बयान जारी कर कहा, “बांग्लादेश में सत्यजीत रे का पैतृक घर गिराए जाने का निर्णय दुखद है। यह घर न केवल ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि बांग्ला साहित्यिक पुनर्जागरण का प्रतीक भी है।” भारत ने बांग्लादेश से आग्रह किया है कि वह इस निर्णय पर पुनर्विचार करे और भवन की मरम्मत एवं संरक्षण के विकल्पों पर ध्यान दे।

ममता बनर्जी की भावुक अपील

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए लिखा, “यह खबर बेहद निराशाजनक है कि उपेंद्र किशोर राय चौधरी का घर गिराया जा रहा है। यह भवन बंगाली संस्कृति की आत्मा से जुड़ा है।” उन्होंने बांग्लादेश सरकार और नागरिक समाज से अपील की कि वे इस धरोहर को संरक्षित करें।

बांग्लादेश प्रशासन का पक्ष

मैमनसिंह ज़िले के अधिकारियों के अनुसार, यह इमारत पिछले 10 वर्षों से खाली पड़ी थी और अब बेहद जर्जर हालत में है। चिल्ड्रेन अफ़ेयर्स डिपार्टमेंट के एक अधिकारी मेहदी ज़मान ने बताया कि “इस इमारत के गिरने का खतरा था, जिससे बच्चों की सुरक्षा को खतरा हो सकता था। इस स्थान पर अब एक नई बहुउद्देश्यीय इमारत बनाई जाएगी।”

संस्कृति बनाम विकास: बहस जारी

विशेषज्ञों का मानना है कि सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करना विकास के खिलाफ नहीं है, बल्कि सही योजना और सहयोग से दोनों को संतुलित किया जा सकता है। भारत सरकार ने इस दिशा में संरक्षण में मदद देने की इच्छा भी जताई है।

Categories: अंतरराष्ट्रीय समाचार