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पहलगाम हमले के बाद 26 लोगों को मारने के बाद आतंकियों ने 'जश्न' में की हवाई फायरिंग – चश्मदीद ने जांच एजेंसियों को बताया सच

Published on July 16, 2025 by Vivek Kumar

22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम के बैसरन इलाके में हुए आतंकी हमले के एक अहम चश्मदीद गवाह ने जांच एजेंसियों को बताया है कि जब आतंकियों ने 26 आम नागरिकों को मार डाला, तो उसके बाद उन्होंने चार राउंड गोलियां हवा में चलाईं — वो भी जश्न मनाने के लिए।

इस गवाह को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने जम्मू-कश्मीर पुलिस और केंद्रीय खुफिया एजेंसियों की मदद से ट्रेस किया। जांच के दौरान पता चला कि हमले के कुछ ही मिनटों बाद बैसरन के मैदानों में इस गवाह का सामना उन तीनों पाकिस्तानी आतंकियों से हुआ था।

पिछले महीने NIA ने इस केस में दो स्थानीय लोगों — परवेज़ अहमद जोथर और बशीर अहमद — को गिरफ्तार किया था। इन पर आरोप है कि इन्होंने आतंकियों को पनाह दी थी। NIA के मुताबिक, इन दोनों ने जिन तीन हथियारबंद आतंकियों की पहचान बताई, वे सभी पाकिस्तान के थे और लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े हुए थे।

"कलमा पढ़ने को कहा गया, फिर बख्श दिया"

गवाह ने जांच टीम को बताया कि जब वो बैसरन से बाहर निकल रहा था, तभी आतंकियों ने उसे रोका और 'कलमा' पढ़ने को कहा। जब उसने अपनी लोकल भाषा में बोलना शुरू किया, तो उन्होंने उसे छोड़ दिया। इसके तुरंत बाद आतंकियों ने चार राउंड फायरिंग की — हवा में — और ऐसा लगा मानो वो अपनी 'कामयाबी' का जश्न मना रहे हों।

जांच एजेंसियों ने गवाह की जानकारी के आधार पर घटनास्थल से चार खाली कारतूस भी बरामद किए हैं। गवाह ने यह भी बताया कि परवेज़ और बशीर वहीं पास की एक पहाड़ी पर खड़े थे और आतंकियों के सामान की देखरेख कर रहे थे। बाद में आतंकी वही सामान लेने उनके पास पहुंचे।

हमले से एक दिन पहले क्या हुआ था?

NIA और खुफिया एजेंसियों को मिली जानकारी के मुताबिक, परवेज़ ने बताया कि हमले से एक दिन पहले यानी 21 अप्रैल को तीनों आतंकी उसके घर आए थे। समय था दोपहर करीब 3:30 बजे। उनके पास हथियार थे। परवेज़ की पत्नी ने उन्हें खाना परोसा और वे करीब चार घंटे घर पर रहे। इस दौरान उन्होंने बैसरन के सुरक्षा इंतज़ाम, पर्यटकों की आवाजाही और रास्तों के बारे में काफी सवाल पूछे।

जब जाने लगे, तो आतंकियों ने परवेज़ की पत्नी से मसाले और कुछ कच्चा चावल पैक करने को कहा और बदले में 500-500 रुपये के पांच नोट दिए। इसके बाद वे बशीर से मिलने गए और दोनों से कहा कि अगली दोपहर यानी 22 अप्रैल को करीब 12:30 बजे बैसरन पहुंच जाएं। खुद आतंकी एक मौसमी झोपड़ी में रुकने चले गए जो 'हिल पार्क' इलाके में है।

आतंकी में से एक की पहचान – सुलैमान शाह

सूत्रों के अनुसार, तीन में से एक आतंकी की पहचान सुलैमान शाह के रूप में हुई है। ये वही है जो पिछले साल 20 अक्टूबर को श्रीनगर-सोनमर्ग हाइवे पर Z-मोर्ह सुरंग का निर्माण कर रही कंपनी के सात कर्मचारियों की हत्या में शामिल था।

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