बेंगलुरु में कुछ हफ्ते पहले रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) की जीत का जश्न उस वक्त मातम में बदल गया, जब हजारों की भीड़ में मची भगदड़ में 11 लोगों की जान चली गई और दर्जनों घायल हो गए। अब इस पूरे मामले में कर्नाटक सरकार की रिपोर्ट सामने आ गई है, और इसके निष्कर्ष चौंकाने वाले हैं।
रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि यह कोई 'दुर्घटना' नहीं, बल्कि गंभीर लापरवाही और कुप्रबंधन का नतीजा थी। खास बात ये है कि रिपोर्ट में विराट कोहली का नाम भी सामने आया है।
बिना अनुमति इवेंट, झूठा प्रचार
4 जून को केम्पेगौड़ा स्टेडियम में RCB का "विजय मार्च" आयोजित किया गया था। रिपोर्ट के अनुसार, इस कार्यक्रम के लिए न तो पुलिस से पूर्ण अनुमति ली गई थी और न ही सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए। कार्यक्रम का प्रचार इस तरह किया गया जैसे हर किसी के लिए मुफ्त प्रवेश होगा।
RCB ने सोशल मीडिया पर सुबह 7 बजे "Free Entry" की घोषणा कर दी, जबकि बाद में कहा गया कि केवल पास वालों को ही अंदर आने दिया जाएगा। इसी भ्रम के चलते स्टेडियम के बाहर एक ही समय पर 3 लाख से ज्यादा लोग इकट्ठा हो गए — जबकि क्षमता सिर्फ 35 हजार थी।
कोहली के वीडियो ने बढ़ाई भीड़
इसी दिन सुबह 8 बजे विराट कोहली ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया जिसमें उन्होंने फैंस से अपील की कि वे इस जश्न में शामिल हों। इस अपील ने भीड़ को और बढ़ा दिया। हालांकि कोहली की मंशा पर सवाल नहीं उठाए गए, लेकिन रिपोर्ट में उनके वीडियो संदेश को भी एक उत्तेजक तत्व के रूप में दर्ज किया गया है।
सुरक्षा नाकाफी, कोई तैयारी नहीं
रिपोर्ट के मुताबिक इवेंट के दौरान केवल 79 पुलिसकर्मी तैनात थे। न मेडिकल टीम थी, न ही भीड़ नियंत्रण के लिए कोई वैकल्पिक योजना। हालत यह थी कि जब भगदड़ मची, तो अफरा-तफरी में घायल लोग घंटों तक बिना मदद के तड़पते रहे।
कौन जिम्मेदार?
सरकारी रिपोर्ट में KSCA (कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ), RCB फ्रेंचाइज़ी और स्थानीय पुलिस—तीनों को साझा जिम्मेदार ठहराया गया है।
रिपोर्ट में यह भी सिफारिश की गई है कि इन संस्थानों पर क़ानूनी कार्यवाही हो और जिम्मेदार अधिकारियों को निलंबित किया जाए। फिलहाल पांच पुलिस अफसरों को सस्पेंड किया जा चुका है, और एक CID जांच चल रही है।
राजनीतिक घमासान शुरू
जहां सरकार ने जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक कर पारदर्शिता का दावा किया है, वहीं विपक्ष ने इसे राजनीतिक लीपापोती बताया है। बीजेपी और JDS ने आरोप लगाया कि जिम्मेदार मंत्रियों को बचाया जा रहा है और सारा दोष पुलिस व आयोजकों पर डाल दिया गया।