छत्तीसगढ़ की राजनीति में शुक्रवार सुबह बड़ा धमाका हुआ जब पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे, चैतन्य बघेल को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी राज्य में कथित ₹2,000 करोड़ से ज्यादा के शराब घोटाले के मामले में की गई है।
चौंकाने वाली बात ये रही कि ये गिरफ्तारी चैतन्य बघेल के जन्मदिन के दिन ही की गई, जिससे राजनीति का पारा और चढ़ गया है।
क्या है मामला?
ED के मुताबिक, जब भूपेश बघेल मुख्यमंत्री थे, तब एक बड़ा शराब कारोबार घोटाला अंजाम दिया गया। आरोप है कि 2019 से 2022 के बीच शराब की खरीद–फरोख्त और वितरण में भारी अनियमितताएं की गईं, जिससे राज्य सरकार को नुकसान हुआ और कुछ खास लोग मालामाल हो गए।
ED का दावा है कि चैतन्य बघेल को इस घोटाले से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से वित्तीय लाभ मिला है। छापों के दौरान कुछ ऐसे दस्तावेज और डिजिटल सबूत मिले, जिनके आधार पर गिरफ्तारी की गई।
छापा और गिरफ्तारी
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ED ने सुबह-सुबह भिलाई स्थित बघेल निवास पर छापा मारा।
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कुछ घंटे चली पूछताछ के बाद PMLA (धन शोधन निवारण अधिनियम) के तहत चैतन्य को गिरफ्तार कर लिया गया।
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गिरफ्तारी के बाद चैतन्य को मेडिकल जांच के लिए ले जाया गया और फिर कोर्ट में पेश किया गया।
भूपेश बघेल की प्रतिक्रिया
गिरफ्तारी के बाद भूपेश बघेल ने X (पूर्व में ट्विटर) पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने लिखा:
"मेरे बेटे को आज जन्मदिन पर गिरफ्तार किया गया है। ये कार्रवाई प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की राजनीतिक प्रतिशोध की भावना से प्रेरित है।"
बघेल ने कहा कि जब वे खुद मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने किसी तरह की जांच से कभी परहेज़ नहीं किया, फिर आज उनके बेटे पर इतनी जल्दबाज़ी क्यों?
कांग्रेस का विरोध और भाजपा की प्रतिक्रिया
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कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सड़कों पर उतरकर इस कार्रवाई का जोरदार विरोध किया।
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पार्टी नेताओं ने इसे “साम दाम दंड भेद” की राजनीति बताया।
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वहीं भाजपा नेताओं का कहना है कि "कानून अपना काम कर रहा है", और ED की कार्रवाई सबूतों पर आधारित है, न कि राजनीति पर।
आगे क्या?
अब ED चैतन्य बघेल से पूछताछ करेगी और ये जानने की कोशिश करेगी कि घोटाले से जुड़े पैसों की लेन-देन की चैन में उनकी क्या भूमिका थी।
इस बीच, अदालत में उनकी हिरासत और जमानत को लेकर सुनवाई की जाएगी।