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Amazon, Flipkart और Meesho को दिल्ली हाईकोर्ट का बड़ा झटका – Jio ब्रांड उल्लंघन पर 21 प्रोडक्ट्स हटाने का आदेश

Published on July 18, 2025 by Vivek Kumar

ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफॉर्म्स की लापरवाही पर अब अदालत की सख्त नजर है। दिल्ली हाईकोर्ट ने देश की तीन बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों – Amazon, Flipkart और Meesho को कड़ी फटकार लगाते हुए आदेश दिया है कि वे Reliance Jio के ट्रेडमार्क का उल्लंघन करने वाले 21 प्रोडक्ट्स को तुरंत अपने प्लेटफॉर्म्स से हटाएं।

क्या है पूरा मामला?

Reliance Industries ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि कुछ विक्रेता उनके Jio और Reliance ब्रांड नामों का अनुचित और अवैध इस्तेमाल कर रहे हैं।
ये प्रोडक्ट्स न केवल कंपनी की ब्रांड वैल्यू को नुकसान पहुंचा रहे हैं, बल्कि ग्राहकों को भी भ्रमित कर रहे हैं।

उदाहरण के लिए:

  • नकली “Jio Router”

  • “JioFiber Compatible” जैसे फर्जी टैग

  • “Reliance SIM Unlocking Tool” जैसे प्रोडक्ट्स

कोर्ट का आदेश क्या है?

  • सभी 21 प्रोडक्ट्स को तुरंत हटाया जाए

  • संबंधित विक्रेताओं की पूरी जानकारी कोर्ट में सौंपी जाए

  • किसी भी तरह की ब्रांड उल्लंघन गतिविधि पर नज़र रखी जाए

न्यायमूर्ति ने यह भी कहा कि –

“ई-कॉमर्स कंपनियां सिर्फ प्लेटफॉर्म नहीं हैं, वे उपभोक्ताओं के भरोसे की ज़िम्मेदार भी हैं। उन्हें इस तरह के उल्लंघन पर तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए।”

क्यों अहम है यह फैसला?

  • ऑनलाइन शॉपिंग की पारदर्शिता पर असर
    यह फैसला दर्शाता है कि प्लेटफॉर्म्स को अब यह कहकर बचना नहीं मिलेगा कि "हम केवल माध्यम हैं।"

  • ग्राहकों की सुरक्षा को प्राथमिकता
    नकली या भ्रमित करने वाले प्रोडक्ट्स से ग्राहकों को न केवल आर्थिक नुकसान होता है, बल्कि सुरक्षा और डाटा प्राइवेसी पर भी खतरा होता है।

  • ब्रांड वैल्यू की रक्षा
    बड़े ब्रांड्स के नाम का गलत उपयोग उनके वर्षों की मेहनत और विश्वास को नुकसान पहुंचाता है।

अब क्या कदम उठाएंगे प्लेटफॉर्म्स?

हालांकि Amazon, Flipkart और Meesho की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि:

  • कंपनियों को AI आधारित मॉनिटरिंग सिस्टम अपनाने की जरूरत है

  • विक्रेता पंजीकरण और प्रोडक्ट वैरिफिकेशन प्रक्रिया को और कड़ा करना होगा

  • ग्राहकों को भी किसी भी संदिग्ध प्रोडक्ट को रिपोर्ट करने के लिए सुविधाजनक सिस्टम देना होगा

ग्राहक क्या कर सकते हैं?

  • हमेशा ऑफिशियल स्टोर से ही खरीदें

  • ब्रांड की वेबसाइट पर जाकर प्रोडक्ट को वेरिफाई करें

  • रिव्यू और रेटिंग देखकर ही ऑर्डर करें

  • नकली या भ्रमित करने वाले प्रोडक्ट्स की रिपोर्ट करें

इस फैसले से साफ हो गया है कि अब ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स की जिम्मेदारी बढ़ गई है। ग्राहकों का भरोसा बनाए रखने के लिए कंपनियों को अधिक पारदर्शिता और सक्रियता दिखानी होगी।
यह कदम उन विक्रेताओं के लिए भी चेतावनी है जो शॉर्टकट लेकर बड़े ब्रांड्स की नकल करके बाजार में उतरना चाहते हैं।

Categories: व्यापार समाचार