“थकान, जोड़ों का दर्द या बार-बार हड्डियों में कमजोरी — क्या ये सिर्फ उम्र की निशानी हैं? नहीं, हो सकता है ये कैल्शियम की कमी का संकेत हों।”
कैल्शियम हमारे शरीर की नींव है। ये सिर्फ हड्डियों और दांतों को मजबूत बनाने के लिए ही नहीं, बल्कि मांसपेशियों के संकुचन, रक्तचाप नियंत्रण, और दिल की धड़कन तक को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक है। लेकिन चिंता की बात यह है कि भारत में हर दूसरी महिला में किसी न किसी स्तर पर कैल्शियम की कमी पाई जाती है — खासकर 30 की उम्र के बाद।
महिलाओं में क्यों ज्यादा होती है कैल्शियम की कमी?
विशेषज्ञ बताते हैं कि इसके पीछे कई कारण हैं:
-
गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान शरीर की ज़रूरतें बढ़ जाती हैं
-
पीरियड्स, हार्मोनल बदलाव और रजोनिवृत्ति (Menopause) के दौरान कैल्शियम की कमी और तेज़ हो जाती है
-
खान-पान में कैल्शियम युक्त चीज़ों की कमी, जैसे दूध, दही, पनीर का नियमित सेवन न होना
-
सूरज की रोशनी से दूरी — जिससे विटामिन D की कमी होती है और शरीर कैल्शियम नहीं सोख पाता
-
डाइटिंग और अनहेल्दी लाइफस्टाइल, खासकर युवतियों में, हड्डियों की सेहत पर सीधा असर डालता है
कैल्शियम की कमी से शरीर पर क्या असर पड़ता है?
डॉ. शालिनी मिश्रा, एंडोक्रिनोलॉजिस्ट (दिल्ली एम्स) बताती हैं,
"महिलाओं में कैल्शियम की कमी का पहला असर जोड़ों के दर्द, मांसपेशियों में ऐंठन और जल्दी थकान के रूप में दिखाई देता है। लेकिन लंबे समय तक यह अनदेखा रहा तो यह ऑस्टियोपोरोसिस (हड्डियों के खोखलेपन) में बदल सकता है।"
अन्य गंभीर प्रभाव:
-
हड्डियां कमज़ोर और भंगुर हो जाती हैं
-
घुटनों और कमर में लगातार दर्द बना रहता है
-
दिल की धड़कन अनियमित हो सकती है
-
मूड स्विंग्स, चिड़चिड़ापन और थकान
-
बच्चों को जन्म देने वाली महिलाओं में जटिलताएं बढ़ जाती हैं
कैसे पहचानें कि आपको कैल्शियम की कमी है?
-
पैरों या पीठ में अकड़न
-
नाखून जल्दी टूटना
-
मांसपेशियों में खिंचाव
-
बाल झड़ना या दांतों का ढीला होना
-
अचानक से हड्डी टूटना
अगर इन लक्षणों में से दो या अधिक दिखें, तो डॉक्टर से परामर्श लेकर ब्लड कैल्शियम टेस्ट और विटामिन D टेस्ट करवाना जरूरी है।
कैल्शियम की कमी से बचने के उपाय क्या हैं?
1. कैल्शियम युक्त आहार लें:
-
दूध, दही, छाछ, पनीर
-
हरी पत्तेदार सब्ज़ियाँ जैसे पालक, मेथी
-
बादाम, तिल, अंजीर, सोया प्रोडक्ट्स
-
रागी, बाजरा जैसे मोटे अनाज
2. सूरज की रोशनी लें:
-
सुबह 7 से 9 बजे तक 15–20 मिनट धूप लेना
-
इससे शरीर में विटामिन D बनता है जो कैल्शियम को अवशोषित करता है
3. हल्की फिजिकल एक्टिविटी करें:
-
वॉकिंग, योग और स्ट्रेचिंग हड्डियों को सक्रिय बनाती है
4. जरूरत पड़े तो सप्लीमेंट लें:
-
डॉक्टर की सलाह से कैल्शियम और विटामिन D की गोलियाँ ली जा सकती हैं
💬 क्या कहती हैं महिलाएं खुद?
रीना कुमारी (37), पटना:
"मैं हमेशा थकान महसूस करती थी। डॉक्टर ने जांच के बाद बताया कि कैल्शियम की कमी है। अब मैं रोज सुबह धूप लेती हूँ और दूध-दही नियमित करती हूँ। फर्क साफ दिख रहा है।"