नई दिल्ली/दुबई —
दुबई में सोना खरीदना भारतीयों के लिए हमेशा से एक आकर्षक विकल्प रहा है। कम दाम, ज़ीरो टैक्स वाले गोल्ड बार और चमचमाती ज्वैलरी शॉपिंग से लेकर "गोल्ड सूक" तक, यह शहर सोने के शौकीनों के लिए किसी जन्नत से कम नहीं। लेकिन अगर आप दुबई से सोना खरीदने का सोच रहे हैं तो कुछ नियमों और शर्तों को जानना बेहद ज़रूरी है, वरना आपको भारी जुर्माना और कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।
कैश में पेमेंट करना क्यों फायदेमंद है?
दुबई की कई दुकानों में अगर आप क्रेडिट या डेबिट कार्ड से पेमेंट करते हैं तो आपको 2% से 2.5% तक अतिरिक्त चार्ज देना पड़ सकता है।
वहीं, कैश पेमेंट करने पर दुकानदार अक्सर बेहतर रेट और छूट देते हैं, क्योंकि उन्हें कार्ड प्रोसेसिंग चार्ज नहीं देना होता।
"कैश में पेमेंट करने पर हमें 10 दिरहम प्रति ग्राम तक सस्ता रेट मिल गया," — एक भारतीय पर्यटक ने बताया।
UAE में नकद लेनदेन की सीमा और रिपोर्टिंग नियम
अगर आप AED 55,000 (करीब ₹12.5 लाख) या उससे ज़्यादा की कैश पेमेंट करते हैं, तो दुकानदार को इसकी जानकारी goAML पोर्टल पर देनी होती है। यह मनी लॉन्ड्रिंग और अवैध लेनदेन पर नज़र रखने के लिए जरूरी है।
✈️ भारत लाने की क्या है सीमा?
दुबई से भारत लौटते समय सोना लाने पर सरकार की तरफ से कुछ तय सीमाएं और शुल्क हैं:
भारत में रहने की अवधि | महिलाओं के लिए | पुरुषों के लिए | कस्टम ड्यूटी |
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1 साल से ज़्यादा | 40 ग्राम (₹1 लाख तक) | 20 ग्राम (₹50,000 तक) | ड्यूटी-फ्री |
6 से 12 महीने | 1 किलो तक | 1 किलो तक | ~13.7% |
6 महीने से कम | कोई छूट नहीं | कोई छूट नहीं | ~38.5% |
अगर तय सीमा से ज़्यादा सोना साथ लाते हैं तो आपको कस्टम डिक्लेयर करना होगा और भारी जुर्माना भी लग सकता है।
सोना खरीदते समय ध्यान देने योग्य बातें
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हमेशा बिल लें जिसमें सोने का वजन, शुद्धता, मेकिंग चार्ज और VAT की जानकारी हो।
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Hallmark प्रमाणित ज्वैलरी ही खरीदें।
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दुकान से सोना खरीदने से पहले दैनिक दर (गोल्ड रेट) ज़रूर चेक करें।
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ज्यादा मेकिंग चार्ज देने से बचें — मीना बाजार जैसे इलाकों में मोलभाव करें।