नई दिल्ली:
हर साल लाखों युवा UPSC की तैयारी करते हैं, लेकिन पहले ही प्रयास में इसे पास करना एक असाधारण उपलब्धि मानी जाती है। आज हम बात कर रहे हैं एक ऐसी होनहार युवती की, जिसने कम उम्र में ही अपने सपने को पहचान लिया और ठान लिया कि पीछे मुड़कर नहीं देखना। नाम है — तमाली साहा। पश्चिम बंगाल की रहने वाली तमाली ने पहले ही अटेम्प्ट में UPSC का इंडियन फॉरेस्ट सर्विस (IFS) एग्जाम पास कर दिखा दिया कि इरादे बुलंद हों, तो कोई मंज़िल दूर नहीं होती।
पढ़ाई के साथ तय की मंज़िल
तमाली साहा ने अपनी स्कूली पढ़ाई नॉर्थ 24 परगना (प. बंगाल) से की। वे शुरू से ही पढ़ाई में तेज थीं। इंटरमीडिएट के बाद उन्होंने कोलकाता विश्वविद्यालय से जूलॉजी (प्राणी विज्ञान) में ग्रेजुएशन किया। कॉलेज में पढ़ाई के दौरान ही उन्होंने UPSC को अपना लक्ष्य बना लिया था।
कॉलेज के साथ शुरू की UPSC की तैयारी
तमाली ने ग्रेजुएशन के साथ ही सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी थी। उन्होंने खासतौर पर करंट अफेयर्स, जनरल स्टडीज़ और पर्यावरण विज्ञान पर ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने खुद से वादा किया था कि पहला अटेम्प्ट ही आखिरी होगा — और उन्होंने इस वादे को निभाया।
पहले प्रयास में बनीं IFS अफसर
साल 2020 में तमाली ने UPSC की इंडियन फॉरेस्ट सर्विस परीक्षा दी और ऑल इंडिया रैंक 94 हासिल की। इतने कठिन कॉम्पिटीशन में पहले ही प्रयास में सफलता पाना कोई साधारण बात नहीं है। उनका चयन IFS अधिकारी के रूप में हुआ और उन्हें पश्चिम बंगाल कैडर अलॉट किया गया।
तमाली की सफलता से सीख क्या मिलती है?
तमाली की कहानी हमें यह सिखाती है कि सफलता केवल किताबें रटने से नहीं मिलती — इसके लिए लगन, अनुशासन और सही दिशा में की गई मेहनत की ज़रूरत होती है। तमाली ने कॉलेज के दौरान ही अपने लक्ष्य को पहचान लिया और धीरे-धीरे, लेकिन निरंतर प्रयास करते हुए उस तक पहुँच गईं।