घटना का विवरण
आज दोपहर लगभग 1:06 बजे स्थानीय समय पर बांग्लादेश एयर फोर्स का एक F‑7 BGI ट्रेनिंग जेट विमान ढाका के उत्तरा इलाके में स्थित Milestone School & College के कैंपस में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। विमान स्कूल के कैंटीन या दरवाजे के पास गिरा, जहाँ छात्रों की भारी भीड़ थी। दुर्घटना के बाद विमान में आग लग गई, जिससे वहां अफरा-तफरी मच गई।
नुकसान और राहत कार्य
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इस दुर्घटना में एक व्यक्ति की मौत हुई है।
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लगभग 45 लोग गंभीर रूप से जल गए और घायल हुए हैं, जिनमें अधिकतर बच्चे हैं। घायलों को तुरंत नजदीकी अस्पतालों जैसे नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ बर्न एंड प्लास्टिक सर्जरी और ढाका मेडिकल कॉलेज भेजा गया है।
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स्थानीय फायर ब्रिगेड और बांग्लादेश आर्मी की राहत टीमें घटनास्थल पर पहुंची और आग बुझाने तथा बचाव कार्य में लगीं।
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घायल बच्चों और अन्य लोगों को प्राथमिक चिकित्सा देने के बाद बेहतर इलाज के लिए वि
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भिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
विमान और पायलट की स्थिति
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दुर्घटनाग्रस्त विमान बांग्लादेश एयर फोर्स का एक ट्रेनिंग जेट था, जिसका उपयोग युवा पायलटों को प्रशिक्षण देने के लिए किया जाता है।
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इस हादसे में विमान का पायलट भी घायल बताया गया है, लेकिन उसकी स्थिति के बारे में आधिकारिक जानकारी अभी तक सीमित है।
प्रशासनिक और सरकारी प्रतिक्रिया
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बांग्लादेश सरकार ने इस दुर्घटना को गंभीरता से लेते हुए सभी आवश्यक सहायता और राहत कार्य तुरंत शुरू कर दिए हैं।
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विमान दुर्घटना की जांच के लिए सरकार ने एक विशेष जांच समिति का गठन किया है, जो तकनीकी कारणों और दुर्घटना के पीछे के पहलुओं की जांच करेगी।
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स्थानीय प्रशासन और पुलिस भी घटनास्थल पर मौजूद हैं, ताकि दुर्घटना के बाद सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके और राहत कार्य में सहयोग किया जा सके।
सुरक्षा और आगे की चिंताएँ
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यह दुर्घटना पिछले माह भारत में हुए एयर इंडिया क्रैश के बाद आई है, जिससे क्षेत्रीय विमान सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं।
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विशेषज्ञों का कहना है कि स्कूल जैसे संवेदनशील क्षेत्रों के आस-पास विमान उड़ान भरते या ट्रेनिंग करते समय विशेष सावधानी बरती जानी चाहिए।
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विमान दुर्घटना ने बांग्लादेश में वायु सुरक्षा मानकों और पायलट प्रशिक्षण प्रक्रियाओं की समीक्षा की आवश्यकता पर भी जोर दिया है।
बांग्लादेश में इस हवाई दुर्घटना ने एक बार फिर हमें याद दिलाया है कि एयरफोर्स के प्रशिक्षण विमान भी कितने संवेदनशील और जोखिम भरे होते हैं। एक स्कूल परिसर में ऐसी दुर्घटना न सिर्फ मानवीय त्रासदी है, बल्कि यह सुरक्षा प्रोटोकॉल पर सवाल भी उठाती है। अधिकारियों को अब तेजी से जाँच पूरी कर जरूरी सुधार लागू करने होंगे ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।