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जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद कौन होगा अगला उपराष्ट्रपति? इन नामों पर हो रही है चर्चा

Published on July 22, 2025 by Priti Kumari

नई दिल्ली | 22 जुलाई 2025:
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अप्रत्याशित इस्तीफे ने देश की राजनीति में हलचल मचा दी है। उनका इस्तीफा राष्ट्रपति को सौंपे जाने के साथ ही देश का दूसरा सर्वोच्च संवैधानिक पद खाली हो गया है। अब सभी की निगाहें इस पर टिकी हैं कि अगला उपराष्ट्रपति कौन होगा और सत्ता पक्ष यानी NDA किस चेहरे पर दांव लगाएगा।

इस्तीफा और उसके बाद की प्रक्रिया

जगदीप धनखड़ ने सोमवार शाम अचानक अपने पद से इस्तीफा दे दिया। इस्तीफे के पीछे का कारण अभी स्पष्ट नहीं है, लेकिन इसे राजनीतिक रणनीति से जोड़कर देखा जा रहा है। अब संविधान के अनुसार, उपराष्ट्रपति के पद के लिए नया चुनाव होना अनिवार्य है। चुनाव आयोग जल्द ही तारीखों की घोषणा कर सकता है।

इस बीच, राज्यसभा की उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह ने अंतरिम तौर पर राज्यसभा की अध्यक्षता संभाली है। हालांकि, उन्हें ही स्थायी रूप से उपराष्ट्रपति बनाया जाएगा या नहीं, यह अभी तय नहीं है।

किन नामों की हो रही है चर्चा?

अभी तक किसी पार्टी ने आधिकारिक रूप से कोई नाम सामने नहीं रखा है, लेकिन राजनीतिक गलियारों में कुछ नाम चर्चा में हैं:

  • हरिवंश नारायण सिंह: जेडीयू से राज्यसभा सांसद और वर्तमान में उपसभापति। उनके शांत स्वभाव और संसदीय अनुभव को देखते हुए NDA उन्हें उपराष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार बना सकती है।

  • सुशील मोदी: बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता। केंद्र और राज्यों के बीच बेहतर तालमेल के लिए एक अनुभवी नेता की तलाश में यह नाम उपयुक्त माना जा रहा है।

  • अरुण सिंह: भाजपा के संगठन महामंत्री और राज्यसभा सांसद, जिनके नाम की चर्चा हाल के दिनों में तेज हुई है।

विपक्ष की रणनीति क्या होगी?

विपक्ष अभी इस मुद्दे पर चुप है लेकिन पिछले उपराष्ट्रपति चुनाव की तरह इस बार भी वह एक संयुक्त उम्मीदवार मैदान में उतार सकता है। कांग्रेस, टीएमसी, आप, सपा और डीएमके जैसे दल इस पर जल्द चर्चा शुरू कर सकते हैं।

आगे की राह

अब चुनाव आयोग की घोषणा का इंतजार है। चुनाव की अधिसूचना जारी होने के बाद ही राजनीतिक दल अपने उम्मीदवार घोषित करेंगे। याद दिला दें कि उपराष्ट्रपति का चुनाव राज्यसभा और लोकसभा के कुल सांसदों द्वारा किया जाता है, जिसमें गुप्त मतदान होता है।

धनखड़ के इस्तीफे ने भले ही अचानक से सबको चौंका दिया हो, लेकिन अब सारी निगाहें नई नियुक्ति पर हैं। क्या एनडीए एक बार फिर किसी क्षेत्रीय चेहरे को सामने लाएगा या दिल्ली से जुड़े किसी वरिष्ठ नेता को उपराष्ट्रपति बनाएगा? यह आने वाले दिनों में साफ हो जाएगा।

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