मंडी (हिमाचल प्रदेश), 29 जुलाई – बीती रात मंडी शहर एक भयावह आपदा की चपेट में आ गया, जब अचानक बादल फटने की घटना ने पूरे इलाके को दहला दिया। रात करीब ढाई बजे, जेल रोड क्षेत्र में तेज बारिश के बाद नाला उफान पर आ गया और उसने बाढ़ का रूप ले लिया।
जब सब सो रहे थे, तब आई तबाही
लोग गहरी नींद में थे, जब पानी चुपचाप उनके घरों में घुसने लगा। कई परिवारों को कुछ समझ ही नहीं आया कि हुआ क्या। एक स्थानीय महिला ने बताया, “जब आंख खुली, पानी बिस्तर तक आ चुका था, और बाहर का दृश्य डरावना था।”
3 लोगों की मौत, 50 गाड़ियाँ बह गईं
इस आपदा में तीन लोगों की जान चली गई। इसके अलावा लगभग 50 गाड़ियाँ पानी में बह गईं या मलबे में दब गईं। इन गाड़ियों में कई लोगों की जीविका और सपने जुड़े हुए थे।
बचाव कार्य जारी, लोगों की एकता बनी ताकत
एनडीआरएफ की टीमों ने मौके पर पहुंचकर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। एक जवान ने बताया कि मलबे से एक बच्ची को बाहर निकाला गया, जो अपनी गुड़िया को ढूंढ रही थी।
प्रशासन ने राहत शिविर लगाए, लेकिन असली मिसाल आम लोगों ने पेश की। कई स्थानीय लोगों ने अपने घर खोल दिए, कुछ ने खाना और कपड़े बांटे, तो कुछ ने बुजुर्गों और बच्चों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया।
स्कूल-कॉलेज बंद, लेकिन जीवन का बड़ा सबक मिला
एसडीएम रूपिंदर कौर ने मंडी के सभी स्कूल, कॉलेज और आंगनवाड़ी केंद्रों को एहतियातन बंद रखने के आदेश दिए हैं। हालांकि, इस आपदा ने शहर को यह सिखा दिया कि संकट की घड़ी में एक-दूसरे का साथ ही सबसे बड़ी ताकत है।
मोबाइल की रोशनी में चला रेस्क्यू
सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में देखा गया कि एक पिता ने अपने बच्चों को मोबाइल की फ्लैशलाइट के सहारे खिड़की से बाहर निकाला। अंधेरे, पानी और डर के बीच ये दृश्य उम्मीद और साहस की मिसाल बन गया।
राहत जारी, मौसम विभाग का अलर्ट
फिलहाल बचाव और राहत कार्य जारी है। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे के लिए और बारिश की चेतावनी दी है। प्रशासन लोगों से सतर्क रहने और ऊंचाई वाले स्थानों पर जाने की अपील कर रहा है।
जब कुदरत का प्रकोप आता है, तो इंसान बेबस लगता है। लेकिन ऐसी आपदाओं में जब इंसानियत सामने आती है, तो वह हर अंधेरे में रोशनी की किरण बन जाती है। मंडी के लोगों ने दिखा दिया है कि एकजुटता और सहयोग से हर मुसीबत का सामना किया जा सकता है।