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संसद में सुरक्षा और आतंकवाद पर बहस: ‘ऑपरेशन महादेव’ में तीनों आतंकी ढेर, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से पाकिस्तान को सख्त संदेश

Published on July 29, 2025 by Priti Kumari

नई दिल्ली, 29 जुलाई 2025 – संसद के मानसून सत्र में मंगलवार को सुरक्षा और आतंकवाद के मुद्दे पर तीखी बहस देखी गई। गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में दो प्रमुख सैन्य अभियानों — ऑपरेशन महादेव और ऑपरेशन सिंदूर — के बारे में जानकारी दी। दोनों अभियानों ने भारत की आतंकवाद विरोधी नीति को मजबूती से दुनिया के सामने रखा।

ऑपरेशन महादेव: पहलगाम हमले के दोषियों को किया गया ढेर

गृह मंत्री अमित शाह ने बताया कि 22 मई को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में तीन निर्दोष नागरिकों की हत्या की गई थी। हमले में आतंकियों ने धर्म पूछकर लोगों को निशाना बनाया। इसे मानवता के खिलाफ अपराध बताया गया।

शाह के अनुसार, खुफिया एजेंसियों और सुरक्षाबलों के संयुक्त प्रयास से 28 जुलाई को ढांचीगाम जंगलों में एक ज्वाइंट ऑपरेशन चलाया गया, जिसमें हमले के तीनों मुख्य आरोपी मारे गए। इस कार्रवाई को ‘ऑपरेशन महादेव’ नाम दिया गया।

मारे गए आतंकियों की पहचान:

  • सुलेमान उर्फ फैसल जट – लश्कर-ए-तैयबा का वरिष्ठ कमांडर और हमले का मास्टरमाइंड

  • अफगान – A ग्रेड आतंकी

  • जिबरान – A ग्रेड आतंकी

ये सभी बैसरन घाटी क्षेत्र में छिपे हुए थे। मुठभेड़ के बाद मौके से जो हथियार बरामद किए गए, उनकी फॉरेंसिक रिपोर्ट ने पुष्टि की कि ये हथियार पहलगाम हमले में इस्तेमाल किए गए थे।

जांच और कार्रवाई:

  • 1055 लोगों से 3000 घंटे से अधिक पूछताछ की गई।

  • दो स्थानीय मददगारों को पकड़ा गया, जिन्होंने आतंकियों को आश्रय और भोजन उपलब्ध कराया था।

  • गृह मंत्री ने सुरक्षाबलों के समन्वित प्रयास की सराहना करते हुए उन्हें साधुवाद दिया।

ऑपरेशन सिंदूर: सीमापार खतरे के जवाब में भारत की सैन्य तैयारी

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक दिन पहले ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर जानकारी दी, जिसे पाकिस्तान की ओर से संभावित सैन्य कार्रवाई के जवाब में अंजाम दिया गया।

उन्होंने कहा कि यह संघर्ष केवल भारत और पाकिस्तान के बीच नहीं, बल्कि “सभ्यता और बर्बरता के बीच” है। ऑपरेशन सिंदूर के ज़रिए पाकिस्तान को यह स्पष्ट संकेत दिया गया कि भारत आतंकवाद के प्रति ज़ीरो टॉलरेंस की नीति पर अडिग है।

मुख्य बिंदु:

  • भारत ने सीमापार हमले की तैयारी की और आवश्यकता पड़ने पर लक्ष्यभेदी कार्रवाई की।

  • पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश दिया गया कि आतंक और वार्ता एक साथ नहीं चल सकते।

  • रक्षा मंत्री ने चेताया कि यदि भविष्य में कोई दुस्साहस हुआ, तो उससे भी कठोर कार्रवाई की जाएगी।

अमेरिका की भूमिका और विदेश नीति पर स्पष्टीकरण

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस दावे को खारिज किया, जिसमें कहा गया था कि अमेरिका ने भारत-पाक तनाव के बीच युद्ध रोका।

जयशंकर ने स्पष्ट किया:

  • 22 अप्रैल से 17 जून के बीच प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच कोई संवाद नहीं हुआ।

  • 9 मई को अमेरिका के उपराष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री मोदी को संभावित खतरे की सूचना दी थी।

  • भारत ने अमेरिका को स्पष्ट कर दिया था कि अगर हमला हुआ, तो जवाब दिया जाएगा।

विपक्ष की प्रतिक्रिया: पारदर्शिता की मांग

सदन में विपक्षी सांसदों ने सरकार से सवाल पूछे:

  • अगर पाकिस्तान घुटनों पर था तो सीज़फ़ायर क्यों किया गया?

  • अमेरिका बार-बार दावा कर रहा है कि उसने युद्ध रोका, क्या यह सच है?

  • पहले 21 टार्गेट तय किए गए थे, अंत में केवल 9 पर ही क्यों कार्रवाई हुई?

  • कितने पाकिस्तानी फाइटर जेट्स को वास्तव में गिराया गया?

कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा, “हम आतंकवाद के खिलाफ सरकार के साथ हैं, लेकिन जवाबदेही और पारदर्शिता भी लोकतंत्र की ज़रूरत है।”

भारत का स्पष्ट रुख: आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा

इन दोनों अभियानों के ज़रिए भारत ने स्पष्ट संदेश दिया है कि आतंक के खिलाफ वह केवल प्रतिक्रिया नहीं देगा, बल्कि कार्रवाई करेगा।

गृह मंत्री अमित शाह ने अपने वक्तव्य का समापन इन शब्दों के साथ किया:

“अब भारत आतंकवाद का शिकार नहीं, आतंकवाद को जड़ से खत्म करने वाला राष्ट्र बन चुका है। देशवासियों को इस पर गर्व होना चाहिए।”

Categories: राष्ट्रीय समाचार Amit Shah