रूस के कामचाटका प्रायद्वीप में बुधवार सुबह आए 8.8 तीव्रता के भीषण भूकंप ने लोगों की जिंदगी हिलाकर रख दी है। यह भूकंप इतनी ताकतवर था कि इसकी गूँज दूर-दूर तक महसूस की गई और इसके बाद समुद्र में उठी तेज़ सुनामी की लहरों ने आसपास के तटीय इलाकों को अपनी चपेट में ले लिया।
सेवेरो-कुरील्स्क जैसे छोटे लेकिन प्यारे बंदरगाह शहरों में जब पानी की ऊँची-ऊँची लहरें इमारतों के बीच से गुजरने लगीं, तो हर किसी के दिल में डर बैठ गया। सौ से ज्यादा लोग सुरक्षित जगहों पर पहुंचाए गए हैं, लेकिन इस भयावह प्राकृतिक आपदा ने बहुतों की दुनिया उथल-पुथल कर दी है।
जापान, अमेरिका के हवाई, कैलिफोर्निया, वाशिंगटन, और अलास्का जैसे तटवर्ती राज्यों में भी सुनामी के खतरे को लेकर अलर्ट जारी किया गया है। कई जगहों पर लोग अपने घर-दुआरों को छोड़कर ऊंचे इलाकों की ओर भागे, क्योंकि ये लहरें जहाज की रफ्तार जितनी तेज़ यानी लगभग 700 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से आ रही हैं। विशेषज्ञों की चेतावनी है कि जैसे-जैसे ये लहरें किनारे के करीब पहुंचती हैं, उनका आकार बढ़ जाता है और तबाही भी ज्यादा होती है।
हवाई के लोग फिर से 2011 की उस भयानक सुनामी की याद दिला रहे हैं, जिसने तब वहां भारी नुकसान किया था। इस बार भी स्थानीय प्रशासन ने होटल, स्कूल और बंदरगाह खाली करवा दिए हैं। लोग डर के मारे लेकिन उम्मीद की किरण के साथ ऊंचाई की ओर बढ़ रहे हैं।
रूस और अमेरिका की सेना व प्रशासन हर संभव कोशिश कर रहे हैं ताकि कोई भी जानमाल का नुकसान न हो। लोगों को बचाने के लिए जहाजों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है और तटवर्ती इलाकों से तुरंत निकाला जा रहा है।
यह हादसा हमें प्रकृति की ताकत और हमारी नाजुकता की याद दिलाता है। एक पल में सब कुछ बदल सकता है। इसलिए, हर चेतावनी को गंभीरता से लेना और एक-दूसरे का सहारा बनना ही हमारी असली ताकत है।