25 जून भारतीय क्रिकेट के लिए बेहद खास है. 41 साल पहले 25 जून 1983 को भारतीय क्रिकेट टीम ने पहली बार वर्ल्ड कप जीता था. इस जीत ने भारतीय क्रिकेट की तस्वीर बदल दी. जिस टीम को तवज्जो नहीं दी जाती थी, वैसे में कपिल देव की कप्तानी में टीम ने फाइनल में वेस्टइंडीज को हराया था. 80 के दशक में तब वेस्टइंडीज का दबदबा था. कैरेबियाई टीम दो बार वर्ल्ड कप जीत चुकी थी और तीसरी बार फाइनल खेल रही थी. उस समय वेस्टइंडीज के तेज गेंदबाजों की तूती बोलती थी. टीम में जोएल गॉर्नर, माइकल
होल्डिंग, मैल्कम मार्शल, एंडी रॉबर्ट्स, विंस्टन डेविस और वेन डैनियल जैसे खतरनाक गेंदबाज थे, जिनको खेलना बड़े-बड़े बल्लेबाजों के लिए मुश्किल था. फाइनल में इन तूफानी गेंदबाजों के सामने भारतीय टीम सिर्फ 183 रन बना कर आउट हो गयी. भारत के लिए क्रिस श्रीकांत ने सबसे ज्यादा 38 रन बनाये थे. इसके अलावा मोहिंदर अमरनाथ ने 26, संदीप पाटिल ने 27 और कपिल देव ने 15 रन बनाये. किसी ने नहीं सोचा था कि टीम इंडिया 183 रन डिफेंड कर पायेगी.
फाइनल में मदन लाल, मोहिंदर अमरनाथ व बलविंदर सिंह संधू की शानदार गेंदबाजी
इसके बाद भारतीय गेंदबाजों मदन लाल, मोहिंदर अमरनाथ और बलविंदर संधू ने कमाल की गेंदबाजी करते हुए भारत को विश्व चैंपियन बना दिया. मदन लाल और मोहिंदर अमरनाथ ने तीन-तीन विकेट लिये. संधू को दो सफलता मिली. कपिल देव और रोजर बिन्नी ने एक-एक विकेट लिया. सबसे अहम विकेट मदन लाल ने ही निकाला था. भारत के 183 के जवाब में वेस्टइंडीज की टीम 140 पर ही सिमट गयी थी.