बांग्लादेश में विरोध प्रदर्शनों के दौरान 21 दिन में 440 लोगों की जान गई

440 people died in 21 days during protests in Bangladesh
440 people died in 21 days during protests in Bangladesh

सोमवार को ढाका सहित देश के विभिन्न हिस्सों में हुई झड़पों में कम से कम 109 लोग मारे गए। विरोध प्रदर्शनों में 16 जुलाई से सोमवार तक 21 दिन में जान गंवाने वालों की कुल संख्या 440 हो गई है। बांग्लादेश में सोमवार को उस समय अराजकता फैल गई, जब शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से अचानक इस्तीफा दे दिया और सैन्य विमान से देश छोड़कर चली गईं। पूरे बांग्लादेश से लगभग एक जैसी खबरें आईं हैं और वहां गुस्साई भीड़ ने अवामी लीग के कई नेताओं और कार्यकर्ताओं के आवासों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों में तोड़फोड़ की। वहीं, भय एवं चिंता के बीच ढाका में विभिन्न सरकारी कार्यालयों में अधिकारियों और कर्मचारियों की मंगलवार को उपस्थिति बेहद कम रही।

हिंसा प्रभावित देश में सेना स्थिति को नियंत्रित करने में जुटी हुई है। हालांकि ‘बीडीन्यूज24 डाट काम’ समाचार पोर्टल ने कहा कि मृतकों की संख्या बढ़ने के बावजूद मंगलवार को स्थिति सामान्य होने के संकेत मिले तथा पुलिस और सेना सड़कों पर गश्त कर रही है। पोर्टल ने कहा कि सोमवार को अशांति और रातभर के तनावपूर्ण हालात के बाद ढाका में मंगलवार सुबह स्थिति मुख्य रूप से शांत रही। रपट के अनुसार, बस और अन्य सार्वजनिक वाहन सड़कों पर नजर आए और स्थानीय दुकानदारों ने भी अपनी दुकानें खोलीं।

सोमवार को शेख हसीना के देश छोड़कर जाने की खबर फैलते ही सैकड़ों लोगों ने उनके आवास में घुसकर तोड़फोड़ और लूटपाट की। प्रदर्शनकारियों ने हसीना के आवास ‘सुधा सदन’ और अन्य प्रतिष्ठानों पर हमला कर तोड़फोड़ और आगजनी की। बांग्ला भाषा के दैनिक समाचार पत्र ‘प्रथम आलो’ ने बताया कि सोमवार को ढाका सहित देश के विभिन्न हिस्सों में हुई झड़पों में कम से कम 109 लोग मारे गए। इससे पहले, समाचार पत्र ने रविवार दोपहर 12 बजे तक 98 लोगों की मौत होने की सूचना दी थी और रविवार आधी रात को 16 और लोगों की जान जाने की सूचना मिली। उसने बताया कि रविवार को कुल 114 लोगों की मौत हुई। समाचार पत्र ने कहा, ’16 जुलाई से सोमवार तक 21 दिन में जान गंवाने वालों की कुल संख्या 440 हो गई है।’

एक ‘पोर्टल’ ने कहा कि सोमवार को अशांति और तनावपूर्ण हालात के बाद ढाका में मंगलवार सुबह स्थिति शांत रही। रपट के अनुसार, बस और अन्य सार्वजनिक वाहन सड़कों पर नजर आए और स्थानीय दुकानदारों ने भी अपनी दुकानें खोलीं

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