कुंडली मिलान में योनि मिलान का महत्व: जातकों के स्वभाव और दांपत्य जीवन पर प्रभाव

Importance of Yoni Matching in Kundli Matching Effect on the nature and married life of the natives
Importance of Yoni Matching in Kundli Matching Effect on the nature and married life of the natives

वर-वधु की कुंडली का मिलान करते समय ज्योतिषी कई तरह की गलतियां कर जाते हैं। कई बार तो वे उन अहम बिंदुओं को परखना ही भूल जाते हैं जो भविष्य में वर-वधु के शादीशुदा जीवन की नींव बनने वाले हैं। या फिर यदि परखते भी हैं तो उस गहराई से नहीं, जितनी कि आवश्यकता होती है। इन्हीं कभी भी नजरअंदाज ना करने वाली चीजों में से एक है कुंडली का “योनि मिलान”। वर एवं वधु किस योनि से हैं एवं उन दोनों की योनि एक-दूसरे के लिए अनुकूल है या नहीं, इस बात को जान लेना बेहद महत्वपूर्ण है।

योनियों के अनुसार जातको के स्वभाव

  • अश्व योनि: स्वेच्छाचारी, साहसी, प्रभावशाली, ओजस्वी, दमदार आवाज इत्यादि।
  • गज योनि: बलवान, शक्तिशाली, उत्साही एवं सम्मानित लोगों से प्रतिष्ठित।
  • गौ योनि: सदा उत्साहित और आशावादी, मेहनती, परिश्रम से पीछे न हटने वाले, बात करने में निपुण, स्त्रियों को विशेष रूप से प्रिय, कम आयु।
  • सर्प योनी: अत्यंत क्रोधी स्वभाव, अनियंत्रित क्रोध, रूखा स्वभाव, दया और ममता की कमी, मन अस्थिर और चंचल, गम्भीरता से नहीं सोच पाना, खाने और व्यंजन के शौकीन, नुगरे।
  • श्वान योनि: बहादुर और साहसी, उत्साही और जोश से परिपूर्ण, मेहनती और परिश्रमी, माता-पिता के सेवक, दूसरों के सहायक, भाई बंधुओं से छोटी-छोटी बात पर लड़ जाने वाले।
  • मार्जार योनि: अत्यंत निडर, बहादुर और हिम्मत वाले, दूसरों के प्रति दुष्ट भाव रखना, समस्त कार्य करने में कुशल, मीठे के शौकिन।
  • मेष योनि: पराक्रमी और महान योद्धा, मेहनती, धन-दौलत से परिपूर्ण ऐश्वर्यशाली, भोगी तथा दूसरों पर उपकार करने वाले।
  • मूषक योनि: काफी बुद्धिमान और चतुर, अपने काम में तत्पर और सजग, काफी सोच विचार कर और समझदारी से आगे बढने वाले, सदैव सचेत एवं आसानी से किसी पर विश्वास नहीं करने वाले, काफि धनी।
  • सिंह योनि: धर्मात्मा, स्वाभिमानी, नेक और सरल आचरण व व्यवहार, इरादों के पक्के, अत्यंत साहस और हिम्मत, कुटुम्ब का ख्याल रखने वाले।
  • महिष योनि: कम बुद्धि वाले, युद्ध में इन्हें सफलता, काम के प्रति बहुत अधिक उत्साही, कई संताने, वात रोगी।
  • व्याघ्र योनि: सभी प्रकार के काम में कुशल, स्वतंत्र रूप से काम करने वाले, अपनी प्रशंसा स्वयं करने वाले।
  • मृग योनि: कोमल हृदय, नम्र और प्रेमपूर्ण व्यवहार, शान्त मन, सत विचार एवं सत्य वाचक, आस्थावान, स्वतंत्र विचारों के, लड़ाई-झगड़े दूर रहने वाले, भाई बंधुओं से प्रेम करने वाले।
  • वानर योनि: चंचल स्वभाव, युद्ध के लिये सदा तत्पर, काफी बहादुर और हिम्मत वाले, कामो उत्तेजक, धन व्यस्नी, संतान से सुखी।
  • नकुल योनि: के जातक हर काम में पारंगत एवं कुशलता पूर्वक करने में सक्षम, अत्यंत परोपकारी, विद्या के धनी, माता पिता के भक्त होते हैं।

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