पेरिस ओलंपिक 2024 में India Sardjoe ने ब्रेकडांसिंग के पहले मैच में शानदार प्रदर्शन करते हुए इतिहास रच दिया। इस रोमांचक मुकाबले में बी-गर्ल इंडिया सर्डजो ने अपने उत्कृष्ट कौशल और निरंतर प्रयासों के बल पर जीत हासिल की, जो भारतीय खेल जगत के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।
18 वर्षीय बी-गर्ल India Sardjoe , जिनका असली नाम अमृता वर्मा है, ने नीदरलैंड्स के हेग से आकर ओलंपिक मंच पर ब्रेकडांसिंग में स्वर्ण पदक जीतकर खुद को साबित किया। शुरुआत में फुटबॉल में रुचि रखने वाली India Sardjoe ने बाद में ब्रेकडांसिंग को अपनाया और इस कला में महारत हासिल की।
India Sardjoe की यात्रा तब शुरू हुई जब उन्होंने 10 वर्ष की उम्र में अंडर-12 कैटेगरी में डच राष्ट्रीय चैंपियनशिप जीती। इसके बाद 2022 में डच, यूरोपीय और विश्व चैंपियनशिप में अपनी जीत दर्ज करवाई। उनकी जीत ने न केवल नीदरलैंड्स बल्कि वैश्विक मंच पर भी ब्रेकडांसिंग को एक नया आयाम दिया।
India Sardjoe का मार्गदर्शन टॉन स्टीनवॉर्डन के अंतर्गत हुआ, और वह ‘हेवीहिटर्स’ और ‘हसलकिड्ज़’ समूहों का हिस्सा हैं। अब वह सबसे कम उम्र की ओलंपिक ब्रेकडांसिंग चैंपियन बनकर उभरी हैं और आने वाले समय में डांस की दुनिया में अपनी धाक जमाने के लिए तैयार हैं।
ब्रेकडांसिंग ने पेरिस ओलंपिक 2024 में अपना पहला प्रदर्शन दिया, जिसमें जापान की बी-गर्ल अमी ने स्वर्ण पदक जीता, जबकि चीन की बी-गर्ल 671 (लियू किंगयी) ने कांस्य पदक अपने नाम किया। इंडिया सर्डजो ने भी बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए नीदरलैंड्स के “बूम!” के खिलाफ दमदार मुकाबला किया।
इस प्रतियोगिता में नौ जजों का पैनल, जो खुद भी ब-बॉयज़ और बी-गर्ल्स थे, ने तकनीक, शब्दावली, निष्पादन, संगीतता और मौलिकता के आधार पर स्कोरिंग की। इस कला को इसके अद्वितीय शैली के आधार पर जज किया गया, जिससे प्रत्येक राउंड में विजेता ब्रेकर को पहचान मिली।
अंततः, 15 देशों और शरणार्थी ओलंपिक टीम का प्रतिनिधित्व करने वाले 33 ब्रेकर्स ने इस ऐतिहासिक आयोजन में भाग लिया और ब्रेकडांसिंग की कला को नए ऊंचाइयों पर पहुंचाया।