बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना इन दिनों भारत में शरण लिए हुए हैं। उनकी स्थिति और भारत में उनकी उपस्थिति की अवधि के बारे में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है। बांग्लादेश में जारी राजनीतिक संकट के बीच, हसीना अपने देश की स्थिति पर कड़ी निगरानी रख रही हैं।
हाल ही में, बांग्लादेश में कोटा विरोधी प्रदर्शनकारियों ने शेख हसीना की पार्टी, अवामी लीग से जुड़ी कई इमारतों में आग लगा दी और सैकड़ों लोगों की बर्बरता से हत्याएं कर दीं। प्रदर्शनकारियों ने शेख हसीना के पिता और बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर रहमान की प्रतिमा को हथौड़ों से तोड़ दिया।
15 अगस्त को बांग्लादेश में शेख मुजीबुर रहमान की हत्या की 49वीं वर्षगांठ है। इस अवसर पर, अवामी लीग एक विशेष श्रद्धांजलि कार्यक्रम की योजना बना रही है। पार्टी के जमीनी नेता और कार्यकर्ता धानमंडी रोड नंबर 32 पर बंगबंधु भवन में इकट्ठा होंगे और तुंगीपारा में शेख मुजीबुर रहमान की समाधि पर भी श्रद्धांजलि देंगे।
शेख हसीना के इस्तीफे और भारत भाग जाने के बाद, अवामी लीग के कई शीर्ष नेता छिपे हुए हैं और पार्टी की गतिविधियाँ कम हो गई हैं। इस बीच, बांग्लादेश में राजनीतिक परिवर्तन के चलते जमात-ए-इस्लामी फिर से सक्रिय हो गई है और बीएनपी के अध्यक्ष खालिदा जिया को रिहा कर दिया गया है। अवामी लीग ने नई अंतरिम सरकार से सुरक्षा आश्वासन की मांग की है।
15 अगस्त 1975 को बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर रहमान को उनके आवास पर बागी सैनिकों ने हत्या कर दी थी। इस हमले में शेख मुजीब के परिवार के कई सदस्यों सहित उन्हें भी मार दिया गया। शेख हसीना और उनकी बहन शेख रेहाना विदेश में होने के कारण इस हमले से बच गईं। हसीना ने भारत में छह साल निर्वासन में बिताए और 1981 में स्वदेश लौट आईं।
1991 के आम चुनाव में हसीना के नेतृत्व वाली अवामी लीग बहुमत प्राप्त करने में असफल रही और खालिदा जिया प्रधानमंत्री बनीं। 1996 में हसीना को प्रधानमंत्री चुना गया, लेकिन 2001 में सत्ता से बाहर हो गईं। 2008 के चुनाव में भारी जीत के साथ सत्ता में लौटने के बाद, हसीना ने कई विपक्षी नेताओं को जेल भेजा और जमात-ए-इस्लामी को चुनाव में भाग लेने से प्रतिबंधित कर दिया। 2014 और 2018 के चुनावों में भी उनकी पार्टी ने महत्वपूर्ण विजय प्राप्त की, हालांकि दोनों चुनावों में व्यापक धांधली के आरोप लगाए गए।
15 अगस्त को बांग्लादेश में शेख मुजीबुर रहमान की हत्या की बरसी के अवसर पर अवामी लीग श्रद्धांजलि अर्पित करने की तैयारी कर रही है, जबकि शेख हसीना और उनकी पार्टी के नेता भारत में सुरक्षा और राजनीतिक अस्थिरता के बीच गतिविधियाँ बढ़ाने की योजना बना रहे हैं।