केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) ने पांच मई को आयोजित मेडिकल प्रवेश परीक्षा “राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा – यूजी” (नीट-यूजी) में कथित अनियमितताओं के सिलसिले में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की ओर से जारी एक संदर्भ के आधार पर रविवार को एक प्राथमिकी दर्ज की। पेपर लीक के दावों की जांच के लिए छात्रों द्वारा देशव्यापी विरोध प्रदर्शन और अदालतों में याचिकाएं दायर किए जाने के बीच यह कदम उठाया गया है।
इस बीच, बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने नीट “प्रश्नपत्र लीक” की जांच तेज करते हुए रविवार को पांच और संदिग्धों को गिरफ्तार किया। इन आरोपियों को एक दिन पहले झारखंड के देवघर से हिरासत में लिया गया था। इसके साथ ही मामले में अब तक 8 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं। दूसरी ओर, गुजरात सरकार ने रविवार को एक अधिसूचना जारी करके मामले की जांच सीबीआइ को सौंपने की घोषणा की।
इस बीच नीट-यूजी में जिन 563 अभ्यर्थियों को पहले क्रिपांक दिए गए थे, उनमें से 83 अभ्यर्थी रविवार को दोबारा परीक्षा में शामिल हुए। उधर राष्ट्रीय परीक्षा एजंसी (एनटीए) के अधिकारियों ने रविवार को दावा किया कि उनकी वेबसाइट तथा अन्य सभी वेब पोर्टल पूरी तरह से सुरक्षित हैं और इनके ‘हैक’ होने की खबरें गलत और भ्रामक हैं।
वहीं, महाराष्ट्र के आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने इस मामले में लातूर जिले में एक निजी कोचिंग सेंटर चलाने वाले दो शिक्षकों से पूछताछ की। सीबीआइ जांच को लेकर अधिकारियों ने बताया कि शिक्षा मंत्रालय ने एजंसी को दी गई एक शिकायत में आरोप लगाया है कि परीक्षा के दौरान कुछ राज्यों में “कुछ छिटपुट घटनाएं” हुईं। शिकायत अब प्राथमिकी का हिस्सा है। उन्होंने बताया कि मामले को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए सीबीआइ ने विशेष दल गठित किए हैं जो गोधरा और पटना रवाना हो गए हैं, जहां पुलिस ने प्रश्नपत्र लीक के मामले दर्ज किए हैं। उन्होंने बताया कि एजंसी गुजरात और बिहार में पुलिस द्वारा दर्ज किए गए इन मामलों की जांच अपने हाथ में लेने की योजना बना रही है।
एक अधिकारी ने कहा, “राज्य पुलिस द्वारा दर्ज मामलों को भी एजंसी के दायरे में लेने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।” सीबीआइ ने यह कदम मंत्रालय द्वारा एजंसी को परीक्षा में कथित अनियमितताओं की जांच सौंपने की घोषणा के एक दिन बाद उठाया है। यह मांग प्रदर्शन कर रहे छात्रों के एक वर्ग द्वारा की जा रही थी। शिक्षा मंत्रालय ने सीबीआइ से अभ्यर्थियों,
संस्थानों और बिचौलियों द्वारा कथित अनियमितताओं के संपूर्ण पहलुओं की व्यापक जांच करने का अनुरोध किया है, जिसमें “षड्यंत्र, धोखाधड़ी, अभ्यर्थी की जगह किसी और के परीक्षा में बैठने, विश्वासघात और साक्ष्यों को नष्ट करना” शामिल है। अधिकारियों के अनुसार, परीक्षा के आयोजन से जुड़े लोक सेवकों की संभावित भूमिका और पूरे घटनाक्रम एवं बड़ी साजिश भी जांच के तहत होगी। एजंसी ने अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ आपराधिक साजिश और धोखाधड़ी के तहत एक नया मामला दर्ज किया है।
शिक्षा मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शनिवार को बताया, “पांच मई को आयोजित नीट-यूजी परीक्षा में कथित अनियमितताओं, धोखाधड़ी, अभ्यर्थी की जगह किसी और के परीक्षा में बैठने और कदाचार के कुछ मामले सामने आए हैं।” एक समीक्षा के बाद यह निर्णय लिया गया कि परीक्षा प्रक्रिया के संचालन में पारदर्शिता के लिए मामले को व्यापक जांच के लिए केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) को सौंप दिया जाए। एजंसी ने पहले भी परीक्षा में अनुचित साधन अपनाने के आरोप में 63 अभ्यर्थियों को परीक्षा से बाहर कर दिया था। शनिवार को गुजरात के गोधरा से 30 अतिरिक्त अभ्यर्थियों के भी परीक्षा देने पर रोक लगा दी गई थी। उधर एनटीए के अधिकारियों ने रविवार को दावा किया कि उनकी वेबसाइट तथा अन्य सभी वेब पोर्टल पूरी तरह से सुरक्षित हैं और इनके ‘हैक’ होने की खबरें गलत और भ्रामक हैं। एनटीए का यह स्पष्टीकरण नीट-यूजी और यूजीसी-नेट सहित, प्रतियोगी परीक्षाओं में कथित अनियमितताओं को लेकर जारी विवाद के बीच आया है। एनटीए की वेबसाइट और इसके सभी वेब पोर्टल पूरी तरह सुरक्षित हैं। इनके ‘हैक’ होने की जानकारी गलत और भ्रामक है। उधर महाराष्ट्र के आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा-स्त्रातक (नीट-यूजी), 2024 में कथित अनियमितताओं के सिलसिले में लातूर जिले में एक निजी कोचिंग सेंटर चलाने वाले दो शिक्षकों से पूछताछ की। एटीएस के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।