राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद में घोषणा की कि सरकार पूरे देश में बुलेट ट्रेन चलाने की संभावनाओं पर विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार आधुनिक मानदंडों पर काम कर रही है ताकि भारत विकसित देशों के समकक्ष खड़ा हो सके।
वर्तमान में अहमदाबाद से मुंबई को जोड़ने वाली बुलेट ट्रेन परियोजना पर तेजी से काम चल रहा है। इस परियोजना के तहत 508 किलोमीटर लंबा हाई-स्पीड गलियारा बनाया जा रहा है, जिसमें बुलेट ट्रेन 320 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेगी। यह दूरी केवल दो घंटे और सात मिनट में पूरी होगी, जिसमें सूरत और वड़ोदरा में ठहराव होगा। इस परियोजना का निर्माण ‘नेशनल हाई-स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड’ कर रहा है, और इसका पहला चरण अगस्त 2026 तक पूरा होने की संभावना है।
राष्ट्रपति मुर्मू ने अपने अभिभाषण में बताया कि सरकार ने उत्तर, दक्षिण और पूर्वी भारत में बुलेट ट्रेन कॉरिडोर के लिए फिजिबिलिटी स्टडी शुरू करने का फैसला लिया है। इसके तहत यह देखा जाएगा कि किन रूटों पर बुलेट ट्रेन चलाई जा सकती है, कितनी जमीन की आवश्यकता होगी, ट्रैक का निर्माण कैसे होगा और इसकी कुल लागत कितनी होगी।
राष्ट्रपति ने यह भी बताया कि पिछले दस वर्षों में देश के 21 शहरों में मेट्रो सुविधाएं पहुंचाई गई हैं और प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत 3 लाख 80 हजार किलोमीटर से अधिक सड़कें बनाई गई हैं। राष्ट्रीय राजमार्गों और एक्सप्रेसवे के निर्माण में भी तेजी आई है।
मुंबई-अहमदाबाद के बीच बुलेट ट्रेन परियोजना पश्चिम भारत को जोड़ेगी, और इसी तरह कोलकाता से दिल्ली समेत कई अन्य रूटों पर भी बुलेट ट्रेन चलाने की योजना है, जिससे देश के प्रमुख शहरों की कनेक्टिविटी मजबूत हो सके।