Kolkata rape murder case: भ्रष्टाचार के मामले में CBI के खुलासे, TMC सांसद जवाहर सरकार ने राज्यसभा से इस्तीफा देने का ऐलान किया

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप और मर्डर के मामले को लेकर तृणमूल कांग्रेस (TMC) के सांसद जवाहर सरकार ने अपनी निराशा जताते हुए राज्यसभा से इस्तीफा देने का फैसला किया है। उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को एक चिट्ठी लिखकर सरकार की कार्यशैली पर असंतोष प्रकट किया है और राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा की है।

जवाहर सरकार ने दिया इस्तीफा

जवाहर सरकार ने 8 सितंबर को ममता बनर्जी को भेजी गई चिट्ठी में कहा कि उन्हें उम्मीद थी कि मुख्यमंत्री अपने पुराने अंदाज में इस गंभीर मामले में हस्तक्षेप करेंगी। उन्होंने लिखा, “मैं आरजी कर अस्पताल में घटी भयानक घटना के बाद एक महीने तक चुप रहा। मुझे उम्मीद थी कि आप अपनी पुरानी शैली में इस मामले को संभालेंगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।”

उनका कहना है कि सरकार की कार्रवाई बहुत देर से और बहुत कम है। उन्होंने आरोप लगाया कि अगर भ्रष्ट डॉक्टरों के समूह को तोड़ा जाता और दोषियों को तुरंत सजा दी जाती, तो राज्य में स्थिति पहले ही सामान्य हो सकती थी।

भ्रष्टाचार पर उठे सवाल

जवाहर सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ भी सरकार की लापरवाही पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि 2022 में पार्टी जॉइन करने के बाद उन्हें पूर्व शिक्षा मंत्री के खिलाफ भ्रष्टाचार के सबूत मिले थे, लेकिन जब उन्होंने इस मुद्दे को उठाया तो सीनियर नेताओं ने उनके साथ गलत व्यवहार किया। उन्होंने यह भी कहा कि कई पंचायत और नगरपालिका नेताओं ने बड़ी संपत्ति अर्जित की है और महंगी गाड़ियों में घूमते हैं, जो पश्चिम बंगाल के लोगों के लिए चिंता का विषय है।

TMC और अन्य ने दी अपनी अपनी प्रतिक्रियाएं

TMC नेता कुणाल घोष ने जवाहर सरकार के इस्तीफे के फैसले पर टिप्पणी करते हुए कहा कि यह उनका व्यक्तिगत निर्णय है और वे इसके लिए स्वतंत्र हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी इस पर विचार करेगी लेकिन इस समय उनके व्यक्तिगत सिद्धांत की आलोचना नहीं की जाएगी।

भ्रष्टाचार के मामले में नए खुलासे हुए है

इस बीच, CBI ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और अन्य लोगों के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में नए खुलासे किए हैं। घोष पर आरोप है कि उन्होंने अपने करीबी लोगों को अस्पताल में टेंडर दिलवाए और अन्य अनियमितताएं कीं। CBI ने 2 सितंबर को घोष, उसके गार्ड अफसर अली और दो दवा वेंडर्स को गिरफ्तार किया था। घोष ने 9 अगस्त को ट्रेनी डॉक्टर के रेप-मर्डर के बाद 12 अगस्त को पद से इस्तीफा दे दिया था।

CBI जांच में वित्तीय गड़बड़ी से जुड़े नए खुलासे हुए

आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर के रेप-मर्डर केस की जांच में CBI ने कई महत्वपूर्ण वित्तीय गड़बड़ियों का खुलासा किया है। ये खुलासे संदीप घोष की भूमिका और उसके द्वारा संचालित भ्रष्टाचार के नेटवर्क को उजागर करते हैं।

वित्तीय गड़बड़ी के मुख्य बिंदु:

  • इंटरव्यू सिस्टम में अनियमितता: संदीप घोष ने मेडिकल हाउस स्टाफ की नियुक्ति के लिए एक इंटरव्यू सिस्टम शुरू किया था, लेकिन अस्पताल में कोई पैनल नहीं था। नियुक्ति से पहले इंटरव्यू के फाइनल मार्क्स जारी किए जाते थे, और कई योग्य ट्रेनी डॉक्टरों को नियुक्त नहीं किया गया।
  • भ्रष्टाचार का नेटवर्क: घोष 2016 से 2018 के बीच मुर्शिदाबाद मेडिकल कॉलेज में पोस्टेड था और तब से बिप्लव और सुमन को जानता था। घोष अपने सिक्योरिटी गार्ड, बिप्लव और सुमन के साथ मिलकर भ्रष्टाचार का नेटवर्क चलाता था।
  • टेंडर और वेंडर गड़बड़ी: घोष ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज में प्रिंसिपल बनने के बाद बिप्लव और सुमन को कई अस्पताल टेंडर दिलवाए। घोष का गार्ड अस्पताल के बायोमेडिकल कचरे को बेचने के लिए वेंडर्स से कॉन्ट्रैक्ट करता था।
  • खामियां और गड़बड़ी: बिप्लब की कंपनियों को टेंडर दिए जाने के तरीके में कई खामियां मिली हैं। CBI ने कहा कि वर्क ऑर्डर के लेटर कॉलेज के कई अधिकारियों को लिखे जाते थे, लेकिन उन्हें कभी सौंपे ही नहीं गए, जिससे टेंडर प्रोसेस में अन्य अधिकारियों को शामिल नहीं किया गया।
  • कैंटीन का ठेका और कॉशन मनी: घोष के गार्ड की पत्नी नरगिस की कंपनी ईशान कैफे को अस्पताल में कैंटीन का ठेका मिला, और घोष ने उसकी कंपनी को नॉन-रिफंडेबल कॉशन मनी भी लौटा दी।

अन्य घटनाक्रम:

  • प्रोटेस्ट की तैयारी: कोलकाता में रेप-मर्डर केस के खिलाफ डॉक्टरों के प्रदर्शन का 30वां दिन 8 सितंबर को था। आज रात बंगाल में हजारों लोग ‘रिक्लेम द नाइट’ कैंपेन के तहत नाइट प्रोटेस्ट करेंगे। कोलकाता के कई प्रमुख चेहरे प्रदर्शन में शामिल होंगे।
  • सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई: सुप्रीम कोर्ट में 9 सितंबर को इस केस की अगली सुनवाई होगी। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच मामले की सुनवाई करेगी।
  • मेडिकल काउंसिल का नोटिस: पश्चिम बंगाल मेडिकल काउंसिल ने संदीप घोष को वित्तीय अनियमितताओं के कारण कारण बताओ नोटिस जारी किया है। घोष को 3 दिन का समय दिया गया है और अगर जवाब संतोषजनक नहीं होता, तो मेडिकल रजिस्ट्रेशन रद्द हो सकता है।
  • रेनोवेशन का ऑर्डर: CBI जांच में सामने आया है कि रेप-मर्डर के अगले दिन संदीप घोष ने सेमिनार हॉल से लगे कमरों के रेनोवेशन का ऑर्डर दिया था। यह डॉक्यूमेंट इस बात की पुष्टि करता है कि घोष को यह काम जल्दी कराने की जल्दी थी, जो इस केस की जांच में एक महत्वपूर्ण कड़ी हो सकता है।

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