17 सितंबर 2024, मंगलवार को मनाई जाएगी विश्वकर्मा पूजा, जो कि देवताओं के वास्तुकार और शिल्पकार भगवान विश्वकर्मा की जयंती के रूप में जाना जाता है। इस दिन, विशेषकर उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल और झारखंड में पूजा की धूम रहती है।
भगवान विश्वकर्मा का महत्व
शास्त्रों के अनुसार, भगवान विश्वकर्मा सृष्टि के निर्माण के देवता हैं। उन्होंने इंद्रपुरी, द्वारका, हस्तिनापुर, स्वर्गलोक, लंका और जगन्नाथ पुरी जैसे प्रसिद्ध स्थलों का निर्माण किया। इसके अलावा, उन्होंने भगवान शिव का त्रिशूल और भगवान विष्णु का सुदर्शन चक्र भी बनाया है। इस दिन, औजार और शस्त्रों की पूजा भी की जाती है।
इस बार के शुभ मुहूर्त
17 सितंबर 2024 को, रवि योग के दौरान पूजा का शुभ मुहूर्त रहेगा:
- रवि योग की शुरुआत: सुबह 6:07 बजे
- रवि योग का समापन: दोपहर 1:53 बजे
इस समय के दौरान, कारखानों, फैक्टरियों और दुकानों में पूजा की जाएगी। पूजा के बाद, औजारों और मशीनों का उपयोग नहीं किया जाता है। तकनीकी क्षेत्र से जुड़े लोग इस दिन विशेष पूजा करते हैं और भगवान विश्वकर्मा को अपना आराध्य मानते हैं।
सूर्य का कन्या राशि में प्रवेश
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, इस साल सूर्य 16 सितंबर को शाम 7:29 बजे कन्या राशि में प्रवेश करेंगे, जो कि विश्वकर्मा पूजा की तिथि के संदर्भ में भ्रम का कारण बन सकता है। हालांकि, पूजा का आयोजन 17 सितंबर को ही होगा।
कहां-कहां मनाई जाती है विश्वकर्मा पूजा
विश्वकर्मा पूजा पूरे देश में मनाई जाती है, लेकिन विशेष रूप से यूपी, बिहार, बंगाल और झारखंड में इसकी भव्यता देखने को मिलती है। इस दिन, तकनीकी क्षेत्र से जुड़े लोग भगवान विश्वकर्मा की पूजा करने के बाद प्रसाद चढ़ाते हैं और उसे बांटते हैं।