कानपुर: इस महीने कानपुर के पास तीसरी बार ट्रेन को पटरी से उतारने का प्रयास किया गया है। रविवार सुबह उत्तर प्रदेश के प्रेमपुर रेलवे स्टेशन के पास दिल्ली-हावड़ा रेल लाइन पर ट्रैक पर गैस सिलेंडर पाया गया। घटना की सूचना मिलते ही रेलवे सुरक्षा बल (RPF) और सरकारी रेलवे पुलिस (GRP) मौके पर पहुंच गईं और जांच शुरू कर दी गई है।
यह घटना उस समय हुई जब कानपुर से प्रयागराज जा रही एक मालगाड़ी लूप लाइन पर चल रही थी। मालगाड़ी के लोको पायलट ने तब ट्रैक पर सिलेंडर देखा, जब उसे एक अन्य एक्सप्रेस ट्रेन को गुजरने देने के लिए रुकने का आदेश मिला था। उसने तुरंत कंट्रोल रूम को सूचना दी और इमरजेंसी ब्रेक का उपयोग करके ट्रेन को रोका।
उत्तर मध्य रेलवे के सीपीआरओ ने एक बयान में कहा, “कानपुर से प्रयागराज जा रही मालगाड़ी को प्रेमपुर स्टेशन पर 5:50 बजे चालक द्वारा ट्रैक पर गैस सिलेंडर देखने के बाद इमरजेंसी ब्रेक लगाकर रोका गया। सुरक्षा और निरीक्षण दलों ने सिलेंडर की जांच की और पाया कि यह 5-लीटर का खाली सिलेंडर था। मामले की जांच के निर्देश दिए गए हैं।”
इससे पहले की घटनाएँ
9 सितंबर को प्रयागराज से हरियाणा के भिवानी जा रही कालिंदी एक्सप्रेस भी इसी प्रकार ट्रैक पर रखे एक गैस सिलेंडर से टकराई थी। उस समय भी बड़ा हादसा टल गया था, क्योंकि टक्कर के कारण सिलेंडर करीब 50 मीटर दूर फेंका गया था।
इसके अलावा, हाल ही में गुजरात के सूरत के पास किम रेलवे स्टेशन के पास भी रेलवे ट्रैक से मछली प्लेट और कीलें हटाकर ट्रेन को डिरेल करने का प्रयास किया गया था। हालांकि, रेलवे के ग्राउंड स्टाफ की सतर्कता के कारण इसे समय रहते रोक लिया गया।
रेलवे अधिकारियों द्वारा इन घटनाओं की गहन जांच की जा रही है, और सुरक्षा को लेकर कड़े कदम उठाए जा रहे हैं ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।
जांच जारी है, और अधिकारियों ने संदिग्ध तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है।