बुरहानपुर जिले के नेपानगर और खंडवा के बीच स्थित सागफाटा रेलवे स्टेशन के पास 18 सितंबर को रेलवे ट्रैक पर कुछ डेटोनेटर मिले। यह मामला तब गंभीर हो गया जब यह जानकारी सामने आई कि उस ट्रैक से सेना के जवानों और हथियारों से भरी ट्रेन गुजरने वाली थी। हालांकि, ट्रेन के पहुंचने से पहले ही डेटोनेटर फट गए, जिससे कोई नुकसान नहीं हुआ। इस घटना की जानकारी 22 सितंबर को सामने आई, जिसके बाद पुलिस और देश की खुफिया एजेंसियां जांच में जुट गई हैं।
रेलवे के अनुसार, ये डेटोनेटर रेलवे द्वारा नियमित रूप से इस्तेमाल किए जाने वाले होते हैं, लेकिन जिस स्थान पर इन्हें पाया गया, वहां लगाने का कोई औचित्य नहीं था। मध्य रेलवे के सीपीआरओ डॉ. स्वप्निल नीला ने बताया कि यह रेलवे के ही डेटोनेटर्स थे, जिनका प्रयोग अवरोध या धुंध के समय ट्रेन चालकों को सतर्क करने के लिए किया जाता है। हालांकि, यह जांच का विषय है कि उन्हें उस स्थान पर क्यों रखा गया था।
ट्रैक पर रखे गए 10 डेटोनेटर
रेलवे सूत्रों के अनुसार, सागफाटा से डोंगरगांव के बीच के ट्रैक पर लगभग एक से डेढ़ फीट के अंतराल पर 10 डेटोनेटर रखे गए थे। जिस ट्रेन से यह घटना जुड़ी है, वह तिरुवनंतपुरम जा रही थी और उसमें सेना के अफसर, कर्मचारी, और हथियार थे। इस घटना को रेल मंत्रालय ने गंभीरता से लिया है, और सेना के अधिकारी भी जांच में सहयोग कर रहे हैं।
आर्मी अधिकारी कर रहे हैं जांच
सेना के अधिकारी चाबीदार और ट्रैकमैन से पूछताछ के लिए उनकी कस्टडी की मांग कर रहे हैं। इसके अलावा, डॉग स्क्वायड की मदद से भी छानबीन की जा रही है। रेलवे के पीआरओ जीवन चौधरी ने कहा कि मामले की जांच जारी है।
नेपानगर स्टेशन पर आधे घंटे रुकी थी ट्रेन
इस घटना के बाद ट्रेन को सागफाटा स्टेशन पर आधे घंटे तक रोका गया था। शुरुआती जांच में यह पाया गया कि ट्रैक पर मिले डेटोनेटर 2014 में बनाए गए थे और उनकी वैधता पांच साल तक थी।