हरियाणा के सोनीपत में एक निजी अस्पताल के डॉक्टर पर महिला मरीज की दोनों किडनियां निकालने का गंभीर आरोप लगा है। यह मामला ट्यूलिप अस्पताल के डॉक्टर गौरव सिंह रंधावा से जुड़ा है, जिन पर महिला के परिजनों ने किडनी निकालने का आरोप लगाया। महिला के पति द्वारा इस मामले की शिकायत किए जाने के बाद मेडिकल बोर्ड ने मामले की जांच की, जिसमें डॉक्टर की लापरवाही साबित हुई है। पुलिस ने डॉक्टर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है और मामले की जांच जारी है।
क्या है पूरा मामला?
आनंद, जो सोनीपत के राजेंद्र नगर में रहते हैं, ने बताया कि उनकी पत्नी वीना रानी की लेफ्ट साइड की किडनी में पथरी थी और इसी के इलाज के लिए वह ट्यूलिप अस्पताल गए थे। डॉक्टर गौरव सिंह रंधावा ने बताया कि पथरी के कारण वीना की किडनी खराब हो चुकी है और उसे तुरंत निकालने की जरूरत है। 29 अप्रैल को वीना को अस्पताल में भर्ती कराया गया और 1 मई को ऑपरेशन किया गया।
डॉक्टर ने मानी गलती
ऑपरेशन के बाद आनंद को बताया गया कि सर्जरी सफल रही। लेकिन जब उन्होंने पत्नी से मिलने की कोशिश की, तो वीना की स्थिति गंभीर थी। जब उन्होंने डॉक्टर से पूछा, तो डॉक्टर ने अपनी गलती मानते हुए कहा कि गलती से दोनों किडनियां निकाल दी गई हैं। इस पर डॉक्टर ने हाथ जोड़कर माफी भी मांगी।
अस्पताल में परिजनों का हंगामा
जब यह बात आनंद ने परिवार को बताई, तो वे तुरंत अस्पताल पहुंचे और वहां हंगामा किया। पुलिस को भी इस घटना की जानकारी दी गई। आनंद का आरोप है कि डॉक्टर और अस्पताल प्रशासन ने जालसाजी और छल से उनकी पत्नी की किडनियां निकाली और जान से मारने की कोशिश की।
जांच में डॉक्टर की लापरवाही साबित
मामले की गंभीरता को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने एक मेडिकल बोर्ड का गठन किया, जिसने जांच के बाद डॉक्टर की लापरवाही को स्वीकार किया। पुलिस ने डॉक्टर रंधावा पर आईपीसी की धारा 338 के तहत मामला दर्ज किया है और जांच जारी है। डॉक्टर को जल्द गिरफ्तार किए जाने की संभावना है।