बिहार के विभिन्न जिलों में जितिया पर्व के दौरान स्नान के समय डूबने की घटनाओं ने त्योहार की खुशियों को गम में बदल दिया। औरंगाबाद, सारण (छपरा), रोहतास, अरवल, और कैमूर जिलों में डूबने से एक दर्जन से अधिक बच्चों की जान चली गई है। इनमें सबसे ज्यादा औरंगाबाद जिले में 8 बच्चों की मौत की खबर आई है, जबकि अन्य जिलों में भी कई दुखद घटनाएँ हुई हैं।
औरंगाबाद जिले में बड़ा हादसा
औरंगाबाद जिले के बारुण और मदनपुर प्रखंडों में स्नान के दौरान तालाब में डूबने से कुल 8 बच्चों की मौत हो गई। बारुण थाना क्षेत्र के ईटहट गांव में 5 बच्चियां तालाब में डूबीं, जिनमें से 4 की मौत हो गई, जबकि एक बच्ची को बेहोशी की हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया। इसी प्रकार, मदनपुर थाना क्षेत्र के कुशहा गांव में भी 4 बच्चों की डूबने से मौत हो गई।
छपरा और रोहतास में भी हादसे
सारण (छपरा) जिले में भी 5 बच्चों की डूबने से मौत हो गई। वहीं, रोहतास जिले के अलग-अलग इलाकों में कुल 4 बच्चे डूबे। इनमें से डेहरी के डालमियानगर में एक किशोर सोन नदी में डूब गया, जिसकी तलाश अब भी जारी है। दिनारा थाना क्षेत्र में 2 बच्चे जीवित्पुत्रिका स्नान के दौरान डूब गए, जिनमें से एक की मौत हो गई और दूसरी बच्ची की हालत गंभीर है। चेनारी में 12 वर्षीय बच्ची तालाब में डूब गई, जब वह अपनी माँ के साथ स्नान करने गई थी।
अरवल और कैमूर जिले में मौतें
अरवल जिले के बख्तारी सूर्य मंदिर के पोखर में स्नान के दौरान 8 वर्षीय बच्ची की मौत हो गई। बच्ची अपनी माँ के साथ पोखर पर गई थी, लेकिन माँ के स्नान करते समय बच्ची पोखर में डूब गई और उसका शव घंटों की मशक्कत के बाद निकाला गया।
कैमूर जिले में सूर्य मंदिर तालाब में स्नान के दौरान 10 वर्षीय रोहन बिंद की मौत हो गई। वह अपने परिवार की महिलाओं के साथ स्नान करने गया था, लेकिन गहरे पानी में चले जाने के कारण वह डूब गया।
सरकार की प्रतिक्रिया
इन घटनाओं पर राज्य सरकार ने शोक व्यक्त किया है और पीड़ित परिवारों को चार लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने का ऐलान किया है।