कानून मंत्रालय ने शुक्रवार को जानकारी दी कि अधिवक्ता (संशोधन) अधिनियम, 2023 के प्रावधान 30 सितंबर से लागू होंगे। इस नए कानून के तहत अदालतों में काम करने वाले दलालों पर सख्ती बरती जाएगी। मंत्रालय ने बताया कि इस कानून में दलालों की सूची तैयार करने और उसे प्रकाशित करने का प्रावधान है।
इस कानून में “टाउट” का अर्थ उस व्यक्ति से है, जो किसी कानूनी व्यवसायी से किसी भी पारिश्रमिक के बदले में व्यवसाय प्राप्त करता है। उल्लेखनीय है कि सूची में किसी का नाम शामिल करने से पहले उसे बेगुनाही साबित करने का अवसर दिया जाएगा। इसके साथ ही, विधि आयोग ने अधिवक्ता अधिनियम 1961 में आवश्यक संशोधन के बाद कानूनी व्यवसायी अधिनियम, 1879 को निरस्त करने की सिफारिश की है।