दिल्ली में आर्थिक तंगी से त्रस्त पिता ने 4 बेटियों के साथ आत्महत्या की: बैंक खाते में थे सिर्फ 200 रुपये

दिल्ली के वसंतकुंज इलाके के रंगपुरी में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां आर्थिक तंगी और अवसाद से जूझ रहे एक व्यक्ति ने अपनी चार बेटियों के साथ आत्महत्या कर ली। यह घटना फ्लैट नंबर C-4 की है, जहां 46 वर्षीय हीरालाल शर्मा और उनकी चार बेटियों की लाशें मिलीं। पुलिस को फ्लैट से सल्फास के तीन पैकेट भी बरामद हुए हैं, जिससे सामूहिक आत्महत्या की आशंका जताई जा रही है।

बदबू से हुआ खुलासा

स्थानीय लोगों ने फ्लैट से तेज बदबू आने की सूचना दी, जिसके बाद मकान मालिक और पुलिस को बुलाया गया। पुलिस ने जब दरवाजा खोला, तो अंदर हीरालाल और उनकी बेटियों की सड़ी हुई लाशें पाई गईं। बेटियों की उम्र 20 से 26 साल के बीच थी। इनमें से नीतू (26), निक्की (24), नीरू (23) और निधि (20) थीं। पुलिस का कहना है कि हीरालाल ने पहले अपनी बेटियों को जहर दिया और फिर खुद भी जान दे दी।

आर्थिक तंगी और अवसाद में घिरा परिवार

हीरालाल का जीवन पिछले कुछ समय से कठिनाइयों से भरा था। उनकी पत्नी कांतिदेवी की अगस्त 2023 में कैंसर से मृत्यु हो गई थी, जिसके बाद से ही वे गहरे अवसाद में थे। दिसंबर 2023 में उन्होंने नौकरी छोड़ दी और पिछले 9 महीनों से बिना काम के घर का खर्च चला रहे थे। उनके बैंक खाते में केवल 200 रुपये बचे थे। पड़ोसियों का कहना है कि हीरालाल और उनके परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद खराब थी, और घर में पर्याप्त राशन भी नहीं था।

CCTV फुटेज से खुलासा

पुलिस को 24 सितंबर का एक CCTV फुटेज मिला है, जिसमें हीरालाल अपने हाथ में मिठाई का डिब्बा और फूल लेकर घर जाते दिखाई दे रहे हैं। पुलिस को शक है कि उन्होंने बेटियों के साथ आत्महत्या करने से पहले पूजा की थी, क्योंकि सभी बेटियों के गले और हाथ में नया कलावा बंधा हुआ मिला है।

सामाजिक और पारिवारिक दूरी

हीरालाल और उनके परिवार का समाज से कटाव बढ़ गया था। पड़ोसियों के अनुसार, पत्नी की मौत के बाद वे और भी अधिक गुमसुम हो गए थे। हीरालाल के चार भाई थे, लेकिन किसी से उनकी बातचीत नहीं थी। यहां तक कि उन्होंने अपने गांव और ससुराल से भी संबंध तोड़ लिया था। हीरालाल की पत्नी ने भी अपने मायके से दूरी बना ली थी।

मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण

इस घटना पर मनोवैज्ञानिक डॉ. बिंदा सिंह का कहना है कि यह सामूहिक आत्महत्या लंबे समय के अवसाद और फ्रस्ट्रेशन का नतीजा हो सकता है। हीरालाल का परिवार समाज से बिल्कुल कट गया था, और वे किसी से अपनी भावनाएं साझा नहीं कर रहे थे। डॉ. बिंदा सिंह ने बताया, “हीरालाल का अवसाद इतना बढ़ चुका था कि उन्हें यह लगने लगा था कि उनके बाद उनकी बेटियों का देखभाल कौन करेगा। इसलिए उन्होंने बेटियों को मारने का निर्णय लिया होगा।”

पुलिस जांच जारी

पुलिस इस मामले में आगे की जांच कर रही है। अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि हीरालाल ने सल्फास कहां से खरीदा था। पुलिस उनके पीएफ अकाउंट और अन्य आर्थिक स्रोतों की जांच कर रही है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में पुष्टि हुई है कि सभी की मौत जहर खाने से हुई है।

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