बागमती एक्सप्रेस हादसा: सिग्नलिंग प्रणाली की गड़बड़ी से मालगाड़ी से टकराई ट्रेन, 19 घायल

तमिलनाडु के कावरापेट्टई स्टेशन के पास बागमती एक्सप्रेस के साथ एक गंभीर हादसा हुआ, जिसमें ट्रेन एक लूप लाइन पर जाकर पहले से खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई। इस दुर्घटना में 19 लोग घायल हो गए हैं। रेलवे की प्रारंभिक जांच में सिग्नलिंग प्रणाली में तकनीकी गड़बड़ी सामने आई है, जो इस हादसे का प्रमुख कारण बताया जा रहा है।

कैसे हुआ हादसा?

मैसूर से दरभंगा जा रही बागमती एक्सप्रेस (ट्रेन नंबर 12578) को कावरापेट्टई स्टेशन पर मुख्य लाइन से गुजरने के लिए हरा सिग्नल दिया गया था। लेकिन, ट्रेन लूप लाइन पर चली गई और वहां खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई। हादसे के बाद रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों ने तुरंत जांच शुरू की। डाटा लॉगर वीडियो के अनुसार, ट्रेन को मुख्य लाइन के लिए हरी झंडी मिली थी, लेकिन किसी तकनीकी कारण से ट्रेन लूप लाइन पर मुड़ गई।

बालासोर हादसे की पुनरावृत्ति?

दक्षिण रेलवे के ऑल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन (AILRSA) के अध्यक्ष आर. कुमारेसन ने इसे बालासोर ट्रेन दुर्घटना की पुनरावृत्ति माना है। बालासोर हादसे में भी इसी प्रकार से कोरोमंडल एक्सप्रेस को मुख्य लाइन पर जाने का सिग्नल मिला था, लेकिन पटरियों के गलत तरीके से जुड़े होने के कारण ट्रेन लूप लाइन पर चली गई थी और मालगाड़ी से टकरा गई थी।

सिग्नलिंग प्रणाली में तकनीकी गड़बड़ी

विशेषज्ञों के अनुसार, इस हादसे के पीछे ऑटोमेटिक सिग्नलिंग प्रणाली में गड़बड़ी का संदेह है। सिग्नल और पटरियों के इंटरलॉकिंग के बीच समन्वय टूट गया था, जिसके कारण ट्रेन लूप लाइन की ओर मुड़ गई। एक वरिष्ठ सुरक्षा विशेषज्ञ ने बताया कि इंटरलॉकिंग प्रणाली ट्रेन को मुख्य लाइन पर रखने के लिए स्वचालित रूप से सेट होनी चाहिए थी, लेकिन यह तकनीकी खराबी के कारण नहीं हो सका।

रेलवे की प्रतिक्रिया

इंडियन रेलवे लोको रनिंगमैन ऑर्गनाइजेशन (IRLRO) के कार्यकारी अध्यक्ष संजय पांधी ने आश्चर्य जताया कि पिछली सभी ट्रेनें कावरापेट्टई स्टेशन से बिना किसी समस्या के गुजरी थीं। उन्होंने कहा कि सिग्नलिंग और इंटरलॉकिंग प्रणाली में कोई असामान्यता नहीं थी, फिर भी यह हादसा हुआ। उनका मानना है कि उपकरणों में कुछ तकनीकी खामी या जंग लगने की वजह से यह दुर्घटना हुई होगी।

सिग्नलिंग विशेषज्ञ की राय

उत्तर रेलवे के सेवानिवृत्त मुख्य सिग्नल एवं दूरसंचार इंजीनियर केपी आर्य ने बताया कि डाटा लॉगर के वीडियो से यह संकेत मिलता है कि ट्रेन एक समय में मुख्य और लूप लाइन दोनों पर जा रही थी, जो संभव नहीं है। उनका मानना है कि ट्रेन इंटरलॉकिंग प्रणाली में गड़बड़ी के कारण पटरी से उतर गई होगी और इसके बाद इंजन व कुछ डिब्बे लूप लाइन की तरफ बढ़े और मालगाड़ी से टकरा गए।

घायलों का इलाज जारी

हादसे के बाद मौके पर राहत और बचाव कार्य तेजी से शुरू किया गया। घायलों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज जारी है। रेलवे अधिकारियों ने कहा है कि हादसे की विस्तृत जांच की जा रही है और भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं से बचने के लिए सिग्नलिंग प्रणाली में सुधार किया जाएगा।

(बागमती एक्सप्रेस हादसा ने रेलवे की सिग्नलिंग प्रणाली में खामियों को उजागर किया है। रेलवे को इस दिशा में त्वरित कदम उठाने की जरूरत है, ताकि भविष्य में इस तरह की दुर्घटनाओं से बचा जा सके।)

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