केरल सरकार ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि ‘वर्चुअल’ बुकिंग (आनलाइन पंजीकरण) कराए बिना सबरीमाला आने वाले तीर्थयात्रियों को भी भगवान अयप्पा मंदिर में सुचारू दर्शन की सुविधा प्रदान की जाएगी।
व्यापक विरोध के बीच पिनराई विजयन सरकार ने आगामी तीर्थयात्रा के दौरान केवल ‘वर्चुअल’ कतार बुकिंग (आनलाइन) के माध्यम से दर्शन प्रदान करने के अपने पहले के फैसले को बदल दिया। मुख्यमंत्री विजयन ने इस संबंध में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेता के वी जाय द्वारा इस मुद्दे का उल्लेख किए जाने पर विधानसभा में यह घोषणा की। उन्होंने कहा, ‘बिना ‘वर्चुअल’ कतार बुकिंग के आने वाले तीर्थयात्रियों के लिए भी सुचारू दर्शन की सुविधा सुनिश्चित की जाएगी, उन लोगों के लिए भी दर्शन सुनिश्चित किए जाएंगे जिन्होंने आनलाइन पंजीकरण नहीं कराया है और जो प्रणाली के बारे में जाने बिना आते हैं।’ उन्होंने कहा कि पिछले तीर्थयात्रा सीजन के दौरान भी मंदिर में इसी प्रकार की सुविधाएं प्रदान की गई थीं।
हालांकि, मुख्यमंत्री ने अपने संक्षिप्त वक्तव्य के दौरान यह स्पष्ट रूप से नहीं बताया कि क्या ‘वर्चुअल’ कतार बुकिंग के साथ साथ ‘स्पाट’ (मौके पर) बुकिंग करने वाली प्रणाली को पिछले वर्ष की तरह बनाए रखा जाएगा।
उन्होंने कहा कि पांच अक्तूबर को आयोजित एक मूल्यांकन बैठक में सबरीमला में तीर्थयात्रियों के लिए ‘स्पाट’ (मौके पर) बुकिंग की अनुमति देने पर चर्चा की गई थी। मुख्यमंत्री ने बताया कि बैठक में मंदिर पहुंचने वाले सभी तीर्थयात्रियों के लिए सुरक्षित और सुचारू दर्शन सुनिश्चित करने के उपायों पर भी चर्चा की गई।
उन्होंने कहा कि ‘वर्चुअल’ कतार बुकिंग के माध्यम से तीर्थयात्रियों का विवरण डिजिटल दस्तावेज के रूप में उपलब्ध होगा। उन्होंने कहा कि इससे तीर्थयात्रा के दौरान दुर्घटना या गुमशुदगी की स्थिति में सुरक्षा सुनिश्चित करने और लोगों की पहचान करने में मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि तिरुपति सहित प्रमुख तीर्थस्थलों पर आनलाइन पंजीकरण प्रणाली सुचारू रूप से चल रही है। उन्होंने कहा कि इसी की तर्ज पर ही 2011 में सबरीमला में ‘वर्चुअल’ कतार बुकिंग शुरू की गई थी।