‘एक देश, एक चुनाव’ का रास्ता साफ: मोदी कैबिनेट ने बिल को दी मंजूरी

मोदी सरकार ने देश में ‘One Nation, One Election’ यानी ‘एक देश, एक चुनाव’ को लागू करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। कैबिनेट ने इस बिल को मंजूरी दे दी है और इसे अगले हफ्ते संसद में पेश करने की योजना है। इस बिल का उद्देश्य लोकसभा, विधानसभा, शहरी निकाय और पंचायत चुनावों को एक साथ कराना है।

मुख्य बातें

  • बिल संसद में पेश होगा: मोदी सरकार अगले सप्ताह इस बिल को संसद में पेश कर सकती है।
  • संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी): बिल पर व्यापक चर्चा के लिए इसे जेपीसी को भेजने का प्रस्ताव भी दिया जा सकता है।
  • समिति की रिपोर्ट: राम नाथ कोविंद समिति द्वारा बनाई गई रिपोर्ट को पहले ही कैबिनेट मंजूरी दे चुकी है।

बिल का उद्देश्य और लाभ

एक देश, एक चुनाव का मुख्य उद्देश्य सभी चुनावों को एक साथ कराना है ताकि धन और समय की बचत हो। इसके प्रमुख लाभ निम्नलिखित हैं:

  1. धन और समय की बचत: बार-बार चुनाव कराने की जरूरत नहीं पड़ेगी, जिससे सरकारी संसाधनों का उचित उपयोग होगा।
  2. प्रशासनिक कुशलता: प्रशासनिक व्यवस्था को स्थिर बनाए रखने में मदद मिलेगी।
  3. सुरक्षा बलों पर कम तनाव: बार-बार चुनावों से सुरक्षा बलों पर बढ़ने वाला तनाव कम होगा।
  4. विकास कार्यों को गति: चुनाव प्रचार के बीच रुकने वाले विकास कार्यों में तेजी आएगी।
  5. सरकारी कार्यों में रुकावट नहीं: चुनावी ड्यूटी के कारण जो सरकारी काम बाधित होते हैं, वे सुचारू रूप से जारी रहेंगे।

आगे की योजना

सरकार का प्रयास है कि इस बिल पर आम सहमति बनाई जाए। विपक्ष और सभी राजनीतिक दलों के विचार लेकर इसे एक सर्वसम्मति वाला कदम बनाया जा सके।

राम नाथ कोविंद ने भी जोर देकर कहा कि देश में एक साथ चुनाव कराने पर सभी दलों की सहमति बननी चाहिए। यह व्यवस्था लोकतांत्रिक प्रक्रिया को और प्रभावी बनाएगी।

सारांश

‘एक देश, एक चुनाव’ के तहत मोदी सरकार का यह कदम न केवल चुनाव प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करेगा बल्कि इससे देश की लोकतांत्रिक प्रणाली को भी मजबूती मिलेगी। यह देखा जाना बाकी है कि संसद में इस बिल को लेकर क्या रुख अपनाया जाएगा।