दिल्ली चुनाव की तारीखों का ऐलान: 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को नतीजे

नई दिल्ली:
दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए मतदान 5 फरवरी को होगा और मतों की गिनती 8 फरवरी को होगी, चुनाव आयोग ने आज यह जानकारी दी। दिल्ली में कुल 70 विधानसभा सीटें हैं, जिनमें से 12 सीटें आरक्षित हैं। इस बार चुनाव के लिए कुल 13,033 मतदान केंद्र बनाए जाएंगे।

चुनाव आयोग द्वारा घोषित कार्यक्रम के अनुसार, मतदान एक ही चरण में होगा। नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 17 जनवरी और नाम वापस लेने की अंतिम तिथि 20 जनवरी है। चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के साथ ही राष्ट्रीय राजधानी में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है।

चुनाव कार्यक्रम की घोषणा करते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बताया कि इस बार 2 लाख से अधिक युवा पहली बार वोट डालेंगे। उन्होंने यह भी बताया कि वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगों के लिए मतदान केंद्रों तक पहुंचने में सुविधा के लिए विशेष इंतजाम किए जाएंगे। 85 वर्ष से अधिक उम्र के लोग घर से ही वोट डाल सकते हैं।

आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने पार्टी कार्यकर्ताओं से पूरी ताकत झोंकने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, “आपका जोश ही हमारी सबसे बड़ी ताकत है। यह चुनाव काम की राजनीति और गाली-गलौज की राजनीति के बीच है। हम निश्चित रूप से जीतेंगे।”

भाजपा अध्यक्ष ने चुनाव की तारीखों की घोषणा का स्वागत किया। उन्होंने कहा, “मैं लोगों से अपील करता हूं कि वे ऐसी सरकार चुनें जो दिल्ली के विकास में योगदान दे। भाजपा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में दिल्ली के सर्वांगीण विकास के लिए प्रतिबद्ध है।”

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मुख्य चुनाव आयुक्त ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में गड़बड़ी के आरोपों को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि ईवीएम छेड़छाड़ रहित हैं और इन्हें हैक करना असंभव है। “ईवीएम हैक नहीं की जा सकती। हर बार गड़बड़ी के दावों की पूरी जांच की गई है और उन्हें खारिज किया गया है। इस तकनीक ने हमेशा स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों के सिद्धांतों को बनाए रखा है,” श्री कुमार ने कहा।

चुनाव आयोग ने मतदाता सूची में हेरफेर के आरोपों पर भी प्रतिक्रिया दी। आप और भाजपा ने एक-दूसरे पर मतदाता सूची में नाम जोड़ने और हटाने का आरोप लगाया है। श्री कुमार ने कहा कि चुनाव आयोग मतदाता सूची में किसी भी बदलाव के लिए सख्ती से प्रक्रिया का पालन करता है।

इस चुनाव में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) लगातार तीसरी बार जीतने की कोशिश कर रही है, जबकि विपक्षी भाजपा इसे पलटने के लिए पूरी कोशिश कर रही है। कांग्रेस भी इस बार अकेले मैदान में उतरी है और भाजपा और आप दोनों को निशाना बना रही है।