पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में 17 जून की सुबह 8:55 बजे एक मालगाड़ी ने कंचनजंगा एक्सप्रेस (13174) को पीछे से टक्कर मार दी, जिसमें 9 लोगों की मौत हो गई और 41 यात्री घायल हो गए। रेलवे के मुताबिक, हादसे के बाद कंचनजंगा ट्रेन फिटनेस टेस्ट पास करके देर रात करीब 3:15 बजे सियालदह पहुंची। हादसे के चलते 7 ट्रेनों को रद्द कर दिया गया और 37 ट्रेनों का रूट डायवर्ट किया गया।
हादसे की जांच
नॉर्थ-ईस्ट फ्रंटियर रेलवे 19 जून को हादसे के कारणों का पता लगाने के लिए जांच करेगी। इस जांच का नेतृत्व चीफ कमिश्नर ऑफ रेलवे सेफ्टी जनक गर्ग करेंगे, जो ADRM चेंबर में सबूतों का विश्लेषण करेंगे। जांच के लिए संबंधित सबूतों और कुछ व्यक्तियों को बुलाया गया है।
ट्रेनों का संचालन बहाल करने का प्रयास
NFR DRM सुरेंद्र कुमार ने बताया कि लगातार बारिश के बावजूद लाइन को बहाल करने का काम जारी है। लगभग 90% काम पूरा हो चुका है और दोपहर तक दोनों ट्रैक पर ट्रेनों का संचालन शुरू होने की संभावना है।
रद्द की गई ट्रेनें
1. 15719 – कटिहार-सिलीगुड़ी इंटरसिटी एक्सप्रेस
2. 15720 – सिलीगुड़ी-कटिहार इंटरसिटी एक्सप्रेस
3. 12042 – न्यू जलपाईगुड़ी-हावड़ा शताब्दी एक्सप्रेस
4. 12041 – हावड़ा-न्यू जलपाईगुड़ी शताब्दी एक्सप्रेस
5. 15724 – सिलीगुड़ी-जोगबनी इंटरसिटी एक्सप्रेस
6. 75705 – राधिकापुर-सिलीगुड़ी डेमू इंटरसिटी एक्सप्रेस
7. 07519 – मालदा कोर्ट-सिलीगुड़ी जंक्शन डेमू स्पेशल
सिग्नल खराब होने का दावा
न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, रानीपात्रा रेलवे स्टेशन और छत्तर हाट जंक्शन के बीच ऑटोमेटिक सिग्नलिंग सिस्टम सुबह 5:50 बजे से ही खराब था। कंचनजंगा एक्सप्रेस सुबह 8:27 बजे रंगापानी स्टेशन से रवाना हुई और रानीपात्रा स्टेशन से छत्तर हाट के बीच रुकी रही। सिग्नलिंग सिस्टम में खराबी आने पर स्टेशन मास्टर TA-912 रिटन अथॉरिटी जारी करता है, जो ड्राइवर को खराबी के कारण सभी रेड सिग्नल पार करने का अधिकार देता है। रानीपात्रा के स्टेशन मास्टर ने कंचनजंगा एक्सप्रेस को TA-912 जारी किया था।
दुर्घटना के कारण की जांच
सूत्रों के मुताबिक, केवल जांच से ही पता चल सकता है कि क्या मालगाड़ी को भी खराब सिग्नल को तेज गति से पार करने के लिए TA-912 जारी किया गया था या यह लोको पायलट की गलती थी। यदि लोको पायलट की गलती होती है, तो रेलवे नियम के अनुसार, ड्राइवर को हर डिफेक्टिव सिग्नल पर एक मिनट के लिए ट्रेन को रोकना चाहिए था और स्पीड 10 किमी प्रति घंटे की होनी चाहिए थी।
मुआवजे की घोषणा
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने घटना में जान गंवाने वाले परिवारों को 10 लाख रुपए, गंभीर घायलों को 2.50 लाख रुपए और मामूली घायलों को 50 हजार रुपए की सहायता राशि देने की घोषणा की। प्रधानमंत्री राहत कोष से भी मारे गए लोगों के परिवारों को 2-2 लाख रुपए और घायलों को 50 हजार रुपए की मदद का ऐलान किया गया है।