बारिश के कहर से बिहार में पुलों के ढहने का सिलसिला थम नहीं रहा है। सारण जिले में गुरुवार को एक और पुल के ढहने के बाद प्रदेश में पिछले 16 दिन के दौरान यह 12वीं घटना है। इन घटनाओं की वजह से खासतौर पर ग्रामीण इलाकों से आवागमन बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। लगातार हो रही घटनाओं को देखते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य में सभी पुराने पुलों का सर्वेक्षण और मरम्मत की जरूरत वाले पुलों की पहचान कर, इस संबंध में तत्काल नीति तैयार करने के निर्देश दिए हैं। पुलों के ढहने के मामले पर राजद नेता तेजस्वी लगातार प्रदेश और केंद्र सरकार पर निशाना साध रहे हैं। अररिया फाइल फोटो सारण के जिलाधिकारी अमन समीर ने बताया कि पिछले 24 घंटे के भीतर सारण में पुल ढहने की तीसरी घटना है। उन्होंने कहा कि जिले में छोटे पुलों के ढहने के कारणों का पता लगाने के लिए उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि 15 वर्ष पूर्व स्थानीय प्रशासन के द्वारा इस पुल को निर्माण किया गया था जो गुरुवार की सुबह गिर गया। हालांकि इस घटना में किसी के हताहत होने की कोई सूचना नहीं है। गंडकी नदी पर बनयपुर प्रखंड में स्थित यह छोटा पुल सारण के कई गांवों को पड़ोसी सिवान जिले से जोड़ता था। एक दिन पहले बुधवार को सारण जिले में जनता बाजार क्षेत्र और लहलादपुर क्षेत्र में दो छोटे पुल ढह गए थे। स्थानीय लोगों ने आशंका जताई है कि पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही भारी बारिश के कारण छोटे पुलों के ढहने की घटनाएं हो रही हैं। इससे पहले 18 जून को अररिया, 22 जून को सीवान, 23 जून को मोतिहारी, 27 जून को किशनगंज, 28 जून को मधुबनी और 30 जून को किशनगंज में पुल ढहने की घटनाएं हुई थीं। जुलाई में अब तक चार पुल ढहने की घटनाएं होने के बाद संख्या बढ़कर 12 हो गई हैं। बिहार में पुल गिरने की हालिया घटनाओं पर उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने गुरुवार को कहा कि मुख्यमंत्री ने संबंधित अधिकारियों को राज्य में सभी पुराने पुलों का सर्वेक्षण करने और तत्काल मरम्मत की जरूरत वाले पुलों की पहचान करने का स्पष्ट निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभागों को पुलों के रखरखाव संबंधी नीति तत्काल तैयार करने को भी कहा है। उधर, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव ने गुरुवार को ‘एक्स’ पर लिखा, ‘बिहार में 18 जून से अब तक 12 पुल गिर चुके हैं। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दोनों ही बिहार में हुई इन घटनाओं पर चुप हैं। सुशासन और भ्रष्टाचार मुक्त सरकार के दावों का क्या हुआ। ये घटनाएं बताती हैं कि राज्य सरकार के हर विभाग में भ्रष्टाचार किस तरह व्याप्त है।’