प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन आगामी वार्षिक भारत-रूस शिखर सम्मेलन में रक्षा, निवेश, ऊर्जा सहयोग, शिक्षा, संस्कृति और लोगों के बीच आदान-प्रदान जैसे क्षेत्रों सहित द्विपक्षीय संबंधों के संपूर्ण दायरे की समीक्षा करेंगे। विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। पुतिन के निमंत्रण पर मोदी आठ से नौ जुलाई तक रूस की दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर जाएंगे। वे 22वें भारत-रूस शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे, जिसमें दोनों देशों के बीच बहुआयामी संबंधों की पूरी श्रृंखला की समीक्षा की जाएगी। पुतिन आगमन के दिन मोदी के लिए एक निजी रात्रिभोज का आयोजन करेंगे। शिखर सम्मेलन के लिए मोदी की रूस यात्रा से पहले मीडिया से बातचीत में क्वात्रा ने कहा कि दोनों नेता ‘आपसी हितों के क्षेत्रीय और वैश्विक घटनाक्रम’ पर भी अपने विचार साझा करेंगे। क्वात्रा ने कहा कि प्रधानमंत्री का आठ जुलाई की दोपहर बाद मास्को पहुंचने का कार्यक्रम है। अगले दिन मोदी के कार्यक्रमों में रूस में भारतीय समुदाय के साथ बातचीत भी शामिल होगी। प्रधानमंत्री क्रेमलिन में अज्ञात सैनिक की समाधि पर पुष्पांजलि भी अर्पित करेंगे। इसके बाद वे मास्को में प्रदर्शनी स्थल पर रोसाटाम मंडप का दौरा करेंगे। इन बैठकों के बाद दोनों नेताओं के बीच सीमित लोगों के साथ वार्ता होगी, जिसके बाद प्रधानमंत्री और रूसी राष्ट्रपति के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता होगी।
पुतिन के साथ बातचीत के लिए हंगरी के प्रधानमंत्री ओरबान मास्को पहुंचे बुडापेस्ट, 5 जुलाई (एपी)। हंगरी के प्रधानमंत्री विक्टर ओरबान रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ वार्ता के लिए मास्को पहुंचे। ओरबान के प्रेस प्रमुख ने शुक्रवार को बताया कि दो वर्ष से अधिक समय पहले यूक्रेन पर आक्रमण के बाद किसी यूरोपीय नेता की यह रूस की दुर्लभ यात्रा है। ओरबान की यह यात्रा यूक्रेन की इसी तरह की अघोषित यात्रा के कुछ ही दिनों बाद हो रही है, जहां उन्होंने राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से मुलाकात की थी और प्रस्ताव रखा था कि युद्ध विराम पर विचार करे। यूरोपीय संघ में पुतिन के सबसे करीबी सहयोगी माने जाने वाले ओरबान ने यूक्रेन की सहायता करने तथा युद्ध के लिए मास्को पर प्रतिबंध लगाने के यूरोपीय संघ के प्रयासों को नियमित रूप से अवरुद्ध, विलंबित या कमजोर किया है।