जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले में शनिवार को दो अलग-अलग मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने चार आतंकियों को ढेर कर दिया। इस दौरान सेना के दो जवान भी शहीद हो गए। मारे गए आतंकियों में एक फारूक अहमद भट्ट हिजबुल मुजाहिदीन का कमांडर था। दोनों जगह सुरक्षाबलों का अभियान अभी जारी है। आधिकारिक जानकारी के मुताबिक, सुरक्षाबलों को कुलगाम जिले के फ्रिसल चिन्नीगाम इलाके में आतंकवादियों के छिपे होने की सूचना मिली थी। इसके बाद इलाके की घेराबंदी कर तलाश अभियान शुरू किया गया। जैसे ही सुरक्षाबल के जवान नजदीक पहुंचे तो आतंकवादियों ने गोलीबारी शुरू कर दी। इस पर जवानों ने भी मोर्चा संभालकर जवाबी कार्रवाई की। इस दौरान सुरक्षाबलों ने चार आतंकियों को ढेर कर दिया। बताया जाता है कि ये चारों आतंकी हिजबुल मुजाहिदीन से जुड़े हुए थे। इस मुठभेड़ में सेना के जवान हवलदार राजकुमार शहीद हो गए। वहीं, कुलगाम के मोडरगाम इलाके में भी आतंकियों की तलाश में अभियान चलाया गया। यहां भी आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ हो गई। इस दौरान सेना के जवान लांस नायक प्रदीप नैन शहीद हो गए। सूत्रों के मुताबिक, सुरक्षाबलों ने यहां कुछ अन्य आतंकियों को घेर रखा है। फ्रिसल चिन्नीगाम इलाके में मुठभेड़ स्थल का दौरा करने के बाद कश्मीर के पुलिस महानिरीक्षक (आइजीपी) वीके बिरधी ने कहा कि मुठभेड़ अभी समाप्त नहीं हुई है। मुठभेड़ स्थल जिले के अंदरूनी इलाकों में है और माना जा रहा है कि वहां और आतंकी छिपे हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि चार आतंकवादियों का मारा जाना सुरक्षाबलों के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। गौरतलब है कि हाल ही में जम्मू-कश्मीर में कई आतंकी घटनाएं सामने आई हैं। इससे पहले 27 जून को डोडा जिले के गंदोह, भद्रवाह सेक्टर में सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ में तीन आतंकवादियों को मार गिराया था। इससे पहले नौ जून को रियासी जिले में आतंकवादी हमले के बाद तीर्थयात्रियों को ले जा रही एक बस खाई में गिर गई थी, जिसमें नौ लोगों की मौत हो गई थी। इसी बीच, जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) आरआर स्वैन ने शनिवार को कहा कि सीमा पार से जम्मू-कश्मीर में भय का माहौल पैदा करने के लिए भाड़े के विदेशी आतंकियों का इस्तेमाल किया जा रहा है। मगर, पुलिस व अन्य सुरक्षा बल केंद्रशासित प्रदेश में आतंकवाद को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।