राज्य के लोग पिछले तीन माह में 1183 रुपये का शराब पी गये. वर्तमान वित्तीय वर्ष में अप्रैल से लेकर जून तक राज्य में पिछले वर्ष की तुलना में 109 करोड़ रुपये अधिक की शराब की विक्री हुई है. उत्पाद विभाग द्वारा तैयार रिपोर्ट के अनुसार अप्रैल में 382 करोड़, मई में 396 करोड़ व जून में 405 करोड़ रुपये की शराब की बिक्री हुई है. जबकि पिछले वर्ष अप्रैल में 312 करोड़, मई में 385 करोड़ व जून में 377 करोड़ रुपये की शराब बिकी थी. पिछले वर्ष प्रथम तिमाही में 1074 करोड़ रुपये की शराब की बिक्री हुई थी. उत्पाद विभाग ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 2700 करोड़ रुपये राजस्व का लक्ष्य निर्धारित किया है. पिछले वित्तीय वर्ष में शराब से कुल 2360 करोड़ रुपये राजस्व का लक्ष्य निर्धारित किया गया था. पिछले वर्ष राजस्व के लक्ष्य की प्राप्ति हुई. इस वर्ष अब तक लगभग 600 करोड़ के राजस्व की प्राप्ति हुई है. ऐसे में शेष नी माह में लगभग 21 सौ करोड़ रुपये राजस्व प्राप्त करना होगा. उत्पाद विभाग ने सभी जिलों को तय राजस्व की प्राप्ति को लेकर दिशा-निर्देश दिया है.
रांची में 210 करोड़ की शराब की बिक्री
रांची में पिछले तीन माह में 210 करोड़ की शराब की बिक्री हुई है. रांची में अप्रैल में 70 करोड़, मई में 168 करोड़ व जून में 72 करोड़ रुपये की शराब शराब की बिक्री हुई थी. पिछले वर्ष तुलना में रांची में अप्रैल में शराब बिक्री में 20 फीसदी, मई में 0.68 फीसदी व जून में 6.1 फीसदी की वृद्धि हुई.
109 करोड़ की अधिक बिक्री पिछले वर्ष की प्रथम तिमाही की तुलना में
वर्ष 2024 अप्रैल में 382, मई में 396 व जून में 405 करोड़ की शराब की बिक्री
राज्य की सीमा पर उत्पाद विभाग के चेक पोस्ट की मांग
रांची. झारखंड शराब क व्यापारी संघ के प्रदेश महासचिव सुबोध कुमार जायसवाल ने कहा कि राज्य में दूसरे राज्य राज्य में दूसरे राज्य से अवैध शराब आ रही है. उन्होंने कहा है कि पहले राज्य की सीमा पर चेक पोस्ट पर जांच की व्यवस्था थी. अभी सीमा पर उत्पाद विभाग का चेक पोस्ट नहीं होने के कारण दूसरे राज्यों से धड़ल्ले से शराब झारखंड आ रही हैं. उन्होंने कहा है कि आये दिन राज्य के विभिन्न जिलों में अवैध शराब पकड़ी जा रही है. ऐसे में पहले की भांति राज्य में उत्पाद विभाग का फिर चेक पोस्ट बनाया जाये. उन्होंने कहा है कि अवैध शराब से सरकार को राजस्व का भी नुकसान हो रहा है.