सरकार बड़ी कंपनियों को अन्य स्रोतों की ओर देखने से रोकने के लिए वस्तुओं व सेवाओं की खरीद के 45 दिन के भीतर एमएसएमइ को भुगतान करने की आवश्यकता में ढील दे सकती है. सूत्रों ने यह जानकारी दी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को लोकसभा में वित्त वर्ष 2024-25 का पूर्ण बजट पेश करनेवाली है. इसकी घोषणा बजट में की जा सकती है. सूत्रों ने बताया कि बजट पूर्व विचार विमर्श के दौरान सूक्ष्म, लघु व मझोले उपक्रमों (एमएसएमई) द्वारा आयकर अधिनियम की धारा 43बी (एच) में बदलाव के संबंध में दिये गये सुझावों पर सरकार विचार कर रही है. सरकार ने पिछले वर्ष के बजट में देश में एमएसएमई के समक्ष विलंबित भुगतान की चुनौती के समाधान के लिए आयकर अधिनियम की धारा 43बी के अंतर्गत एक नया खंड जोड़ा था. वित्त अधिनियम 2023 के जरिये जारी आयकर अधिनियम की धारा 43बी (एच) के अनुसार, यदि कोई बड़ी कंपनी किसी एमएसएमई को समय पर भुगतान नहीं करती है तो वह उस व्यय को अपनी कर योग्य आय से नहीं घटा सकती है.