बिहार राज्य के मेडिकल कालेजों से एमबीबीएस कोर्स करने जा रहे छात्र-छात्राओं के लिए काम की खबर है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के प्रावधानों के अंतर्गत मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की सरकारों द्वारा चिकित्सा पाठ्यक्रमों को हिंदी में भी उपलब्ध कराए जाने की घोषणा के बाद अब बिहार सरकार ने भी इस दिशा में कदम उठाया है। बिहार सरकार ने मेडिकल स्नातक कोर्स एमबीबीएस को अब हिंदी में कराए की घोषणा की है। बिहार सरकार में स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि आने वाले शैक्षणिक सत्र (2025-26) से चिकित्सा की पढ़ाई करने वाले छात्र- छात्राओं के पास विकल्प होगा कि वे हिंदी में एमबीबीएस कर सकें। यह निर्णय हिंदी को बढ़ावा देने और इसे वैश्विक भाषा बनाने के सरकार के लक्ष्य के अनुरूप है। यह नया प्रावधान नौ सदस्यीय जरूरी जानकारी समिति की सिफारिशों पर आधारित है, जिसे नीट यूजी 2024 पास करने वाले छात्रों के लिए एम्स दिल्ली के पाठ्यक्रम के अनुसार लागू किया जाएगा। इसका उद्देश्य चिकित्सा शिक्षा को सरल बनाना और हिंदी माध्यम की पृष्ठभूमि से आने वाले मेधावी छात्रों को सहायता प्रदान करना है। बिहार हिंदी भाषी राज्य है। यहां लगभग 85,000 सरकारी स्कूल हैं, जहां लोग हिंदी माध्यम में पढ़ाई करना ज्यादा पसंद करते हैं।