अवैध आनलाइन सट्टेबाजी और जुआ खिलाने वाली कंपनियां धन शोधन और आतंकवाद के वित्तपोषण के लिए ‘माध्यम’ का काम करती हैं। राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय के सुरक्षा एवं वैज्ञानिक तकनीकी अनुसंधान संघ की एक रपट मैं यह निष्कर्ष निकाला गया है। रपट में कहा गया है कि आइटी नियम 2021 ‘आनलाइन रियल मनी गेमिंग’ और अवैध सट्टेबाजी तथा जुए की प्रथाओं के बीच अंतर करता है। हालांकि, इसके साथ ही रपट में सुझाव दिया गया है कि भारतीय कानून का अनुपालन करने वाले वैध आनलाइन गेमिंग मंचों को श्वेत सूची में डालने के लिए एक पंजीकरण तंत्र की जरूरत है। सुरक्षा एवं वैज्ञानिक तकनीकी अनुसंधान संघ (एसएएसटीआरए) की रपट में कहा गया है कि अवैध आनलाइन जुए तथा सट्टेबाजी से भारतीय नागरिकों के साइबर सुरक्षा हमलों और असुरक्षित आनलाइन माहौल की चपेट में आने की आशंका बढ़ जाती है। वे भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी खतरा बनकर उभरे हैं क्योंकि अवैध आनलाइन सट्टेबाजी और जुआ खिलाने वाली वेबसाइट धनशोधन तथा आतंकवाद के वित्तपोषण के लिए ‘माध्यम’ के रूप में काम करती हैं। इसमें कहा गया कि वर्तमान कानूनी तथा नियामकीय ढांचा वैध व गैरकानूनी गतिविधियों के बीच पर्याप्त अंतर नहीं करता, जिसके कारण अवैध मंच अक्सर धनशोधन सहित अतिरिक्त अवैध गतिविधियों को बढ़ावा देते हैं। रपट के मुताबिक, भारत में सट्टेबाजी जुए के बाजार का आकार या इन गतिविधियों के राजस्व का कोई अनुमान नहीं है। इंटरनेशनल सेंटर फार स्पोर्ट्स सिक्योरिटी की 2017 की रपट में अनुमान लगाया गया कि भारत में अवैध सट्टेबाजी और जुआ बाजार करीब 150 अरब अमेरिकी डालर का है। रपट में सरकार से आनलाइन गेमिंग बिचौलियों के लिए आइटी नियम 2021 को लागू करने की सिफारिश की गई है ताकि वैध आनलाइन गेमिंग तथा सट्टेबाजी व जुए के बीच कानून में अंतर उत्पन्न किया जा सके। इलेक्ट्रानिक्स एवं आइटी मंत्रालय ने आनलाइन गेमिंग को विनियमित करने के लिए दिशानिर्देश तैयार कर लिए हैं, लेकिन अभी तक उन्हें लागू नहीं किया गया है। रपट में वित्त पर संसद की स्थायी समिति की 59वीं रपट का उल्लेख भी किया गया, जिसमें कहा गया था कि अवैध जुआ ऐप सुरक्षा के लिए खतरा उत्पन्न करते हैं।
रपट के मुताबिक, भारत में सट्टेबाजी और जुए के बाजार का आकार या इन गतिविधियों से उत्पन्न राजस्व का कोई आधिकारिक अनुमान नहीं है।
इंटरनेशनल सेंटर फार स्पोर्ट्स सिक्योरिटी की एक रपट में अनुमान लगाया गया कि भारत में अवैध सट्टेबाजी और जुआ बाजार करीब 150 अरब अमेरिकी डालर या लगभग 10 लाख करोड़ रुपए का है।
रपट में सरकार से आनलाइन गेमिंग बिचौलियों के लिए आइटी नियम 2021 को लागू करने की सिफारिश की गई है ताकि वैध आनलाइन गेमिंग तथा सट्टेबाजी व जुए के बीच कानून में अंतर उत्पन्न किया जा सके।
इलेक्ट्रानिक्स एवं आइटी मंत्रालय ने आनलाइन गेमिंग को विनियमित करने के लिए दिशानिर्देश तैयार कर लिए हैं, लेकिन अभी तक उन्हें लागू नहीं किया गया है।