भारत के प्रमुख रक्षा अनुसंधान संगठन डीआरडीओ ने पानी के भीतर प्रक्षेपित किए जाने वाले मानव रहित वाहन और लंबी दूरी की दूर से संचालित प्रणालियों सहित प्रमुख सैन्य परिसंपत्तियों के विकास के लिए निजी संस्थाओं को सात नई परियोजनाएं सौंपी हैं। घरेलू रक्षा विनिर्माण को बढ़ावा देने के वास्ते रक्षा मंत्रालय की प्रौद्योगिकी विकास फंड योजना के तहत ये परियोजनाएं निजी क्षेत्र के लिए मंजूर की गई हैं। अधिकारियों ने बताया कि पानी के नीचे से प्रक्षेपित किए जाने वाले मानवरहित यान की परियोजना का लक्ष्य ऐसे बहुमुखी समुद्री रणक्षेत्र सहायक उपकरणों का विकास करना है, जिन्हें विभिन्न लड़ाकू भूमिकाओं में तैनात किया जा सके। उन्होंने कहा कि इसका मकसद जासूसी, निगरानी और टोह लेना (आइएसआर) एवं समुद्री क्षेत्र को लेकर जागरूकता (एमडीआर) कायम रखना है। रक्षा मंत्रालय के अनुसार यह परियोजना पुणे के ‘सागर डिफेंस इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड’ को सौंपी गई है। अन्य परियोजनाओं में विमानों के लिए ‘आइस डिटेक्शन सेंसर’ का विकास,’ रडार सिग्नल प्रोसेसर’ का विनिर्माण, पानी के नीचे की वस्तुओं का पता लगाने और उन्हें नेस्तनाबूद करने के लिए लंबी दूरी से संचालित वाहनों का निर्माण शामिल है। मंत्रालय ने कहा कि लंबी दूरी से संचालित वाहन दोहरे उपयोग वाली प्रणालियां होंगी।