उत्तराखंड में बना देश का पहला ‘बुरांश’ उद्यान

उत्तराखंड के मुनस्यारी गांव में देश का पहला बुरांश उद्यान विकसित किया गया है। इसमें बुरांश के 35 किस्म के फूल हैं, जिनमें से पांच किस्म केवल उत्तराखंड में ही पाई जाती हैं। ये फूल औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं और इनके रस से शीतल पेय भी तैयार किए जाते हैं। आधिकारिक जानकारी के मुताबिक, उत्तराखंड वन विभाग की अनुसंधान शाखा ने इस उद्यान की स्थापना की है। इसे वैज्ञानिक अनुसंधान के लिहाज से आकर्षक व औषधीय पौधों की प्रजातियों को संरक्षित करने और इनके पारिस्थितिकी एवं आर्थिक महत्त्व के बारे में लोगों में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से विकसित किया गया है। वन विभाग के मुख्य संरक्षक व अनुसंधान इकाई के प्रमुख संजीव चतुर्वेदी ने कहा कि बुरांश व्यापक रूप से पसंद किए जाने वाला वृक्ष है। बुरांश उत्तराखंड का राजकीय वृक्ष है, जबकि नगालैंड में इसे राजकीय पुष्प और नेपाल में राष्ट्रीय वृक्ष का दर्जा दिया गया है। संजीव चतुर्वेदी ने कहा कि हिमालयी पारिस्थितिकी तंत्र के लिए बुरांश का काफी महत्त्व है, क्योंकि जब इसके फूल पूरी तरह खिल जाते हैं, तो वे एक मनमोहक रंग देते हैं, जो बड़ी संख्या में पक्षियों और कीटों को आकर्षित करते हैं। उनके अनुसार, बुरांश के फूल में ‘एंटी-आक्सीडेंट’, ‘एंटी-इंफ्लेमेटरी’ और ‘एंटी- बैक्टीरिया’ गुण होते हैं। इस लिहाज से इसका औषधीय महत्त्व भी है।

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