देश में डिजिटल भुगतान तेजी से बढ़ रहा है. ऐसे में भारत में खुदरा डिजिटल भुगतान 2030 तक मौजूदा स्तर से दोगुना होकर 7,000 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है. कीनें और अमेजन पे ने अपने एक अध्ययन में यह बात कही है. रिपोर्ट ‘शहरी भारतीय कैसे भुगतान करते हैं’ में कीनें और अमेजन पे ने कहा कि ऑनलाइन खरीद में डिजिटल भुगतान को मजबूती से अपनाने से उपभोक्ता व्यवहार में स्थायी बदलाव आने की संभावना है, जिससे ऑफलाइन खरीद को भी बढ़ावा मिलेगा. सर्वेक्षण में शामिल 90 प्रतिशत लोगों ने ऑनलाइन खरीदारी करते समय डिजिटल भुगतान को प्राथमिकता दी, लेकिन सबसे अधिक डिजिटल भुगतान उपयोग (डीडीपीयू) के साथ संपन्न उपभोक्ता आगे रहे. ऐसे उपभोक्ता अपने 80 प्रतिशत लेन-देन के लिए डिजिटल भुगतान के विभिन्न तरीकों का उपयोग करते हैं.
इ-कॉमर्स क्षेत्र में 2030 तक 21% की दर से वृद्धि की उम्मीद
भारत में इ-कॉमर्स क्षेत्र में उछाल देखा गया है, जिसका बाजार मूल्य 2022 में 75 अरब डॉलर से 80 अरब डॉलर के बीच है. इसके 2030 तक सालाना 21 प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद है. यह शोध 120 शहरों में ऑफलाइन और ऑनलाइन तरीके से 6,000 से अधिक उपभोक्ताओं और 1,000 से अधिक व्यापारियों के बीच किये गये ऑनलाइन सर्वेक्षण पर आधारित है. इसमें विभिन्न क्षेत्रों, आय समूहों, शहर श्रेणियों, आयु वर्गों का प्रतिनिधित्व है.
पिछले तीन साल में चार गुना बढ़ गये हैं ऑनलाइन ट्रांजेक्सन
भारत में पिछले तीन वर्षों में मासिक रियल-टाइम भुगतान में चार गुना की बढ़ोतरी हुई है. इसके साथ ही ऑनलाइन लेनदेन की संख्या 2.6 अरब से बढ़ कर 13.3 अरब हो गयी है. बीसीजी-क्यूइडी इन्वेस्टर्स की ओर से जारी रिपोर्ट में बताया गया कि रियल टाइम पेमेंट इन्फ्रास्ट्रक्चर में डायरेक्टरी और क्यूआर कोड की उपलब्धता इनोवेशन को बढ़ाने में काफी महत्वपूर्ण है. ये रिपोर्ट 60 ग्लोबल फिनटेक सीइओ और निवेशकों के इंटरव्यू से मिली जानकारी के आधार पर तैयार की गयी है.
डिजिटल साधनों को अपनाने में युवा आगे
रिपोर्ट में कहा गया है कि देश की युवा पीढ़ी सभी प्रकार के डिजिटल भुगतान साधनों को अपनाने में अग्रणी हैं. पुरुष और महिलाएं, दोनों ही अपने लगभग 72 प्रतिशत लेन-देन में डिजिटल भुगतान का उपयोग करते हैं, जो लैंगिक समानता को दर्शाता है.