तोक्यो ओलंपिक में भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा के स्वर्ण पदक जीतने के बाद भारत में एथलेटिक्स के लिए सरकारी कोष में बड़ा हिस्सा आवंटित किया गया है। भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) के मिशन ओलंपिक सेल (एमओसी) के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, इस ओलंपिक चक्र में एथलेटिक्स पर 96 करोड़ आठ लाख रुपए खर्च किए गए हैं।
पिछले ओलंपिक चक्र से तुलना
पिछले ओलंपिक चक्र में टारगेट ओलंपिक पोडियम योजना (टाप्स) के तहत एथलेटिक्स पर केवल पांच करोड़ 38 लाख रुपए खर्च किए गए थे। इस बार पेरिस ओलंपिक के लिए भारतीय एथलेटिक्स दल में 28 सदस्य शामिल होंगे, जिनका नेतृत्व नीरज चोपड़ा करेंगे। कुल मिलाकर, इस ओलंपिक चक्र में 16 खेलों के लिए भारत की तैयारियों पर लगभग 470 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं।
अन्य खेलों में सरकारी निवेश
एथलेटिक्स के बाद, बैडमिंटन खिलाड़ियों को सर्वाधिक अनुदान प्राप्त हुआ, जो 72.02 करोड़ रुपए रहा। इसके बाद मुक्केबाजी (60.93 करोड़) और निशानेबाजी (60.42 करोड़) का स्थान आता है। बैडमिंटन में, भारत ने पेरिस खेलों के लिए पांच कोटा हासिल किए हैं, जिनमें पीवी सिंधू, एचएस प्रणय, लक्ष्य सेन, सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी, और अश्विनी पोनप्पा तथा तनीषा क्रास्टो शामिल हैं।
अन्य खेलों के लिए आवंटित धनराशि
तोक्यो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता भारतीय पुरुष हॉकी टीम को पिछले तीन साल में 41.29 करोड़ रुपए की राशि मिली है। तीरंदाजी पर 39.18 करोड़ रुपए, पहलवानों को 37.80 करोड़ रुपए, और भारोत्तोलन पर 26.98 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं।
घुड़सवारी को 95 लाख रुपए, टेनिस को एक करोड़ 67 लाख रुपए, और गोल्फ को एक करोड़ 74 लाख रुपए की सहायता मिली है। नौकायन (3.89 करोड़), तैराकी (3.9 करोड़), पाल नौकायन (3.78 करोड़), और जूडो (6.3 करोड़) पर भी 10 करोड़ रुपए से कम खर्च हुए हैं।
स्टार खिलाड़ी अचंता शरत कमल की अगुआई वाली भारतीय टेबल टेनिस टीम को 12 करोड़ 92 लाख रुपए की वित्तीय सहायता मिली है। ओलंपिक के उद्घाटन समारोह में पीवी सिंधू के साथ शरत कमल भारत के ध्वजवाहक होंगे।
विदेशी अनुभव और टूर्नामेंट
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, विदेशी अनुभव और टूर्नामेंट के मामले में भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ियों को सबसे अधिक समर्थन मिला है। उन्होंने 81 दौरे किए। निशानेबाजों को 45 विदेशी दौरे, टेनिस खिलाड़ियों को 40, एथलेटिक्स को 31, टेबल टेनिस को 28, कुश्ती को 27, तीरंदाजी को 24, मुक्केबाजी को 23, नौकायन को 22, हॉकी को 18, जूडो को 15, गोल्फ को 12, और तैराकी को 11 विदेशी दौरे मिले हैं।