किसानों ने अपनी मांगों के समर्थन में एक बार फिर दिल्ली कूच की तैयारी शुरू कर दी है। संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) व किसान मजदूर मोर्चा के नेताओं ने एलान किया है कि पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के आदेश पर शंभू सीमा से अवरोधक हटाए जाने के बाद किसान दिल्ली की ओर रुख करेंगे। 22 जुलाई को दिल्ली में संयुक्त किसान मोर्चा और किसान मजदूर मोर्चा का संयुक्त सम्मेलन होगा। इसके अलावा किसानों की 15 अगस्त को दिल्ली में ट्रैक्टर मार्च निकालने की योजना भी है। किसान संगठनों की मंगलवार को चंडीगढ़ में एक बैठक हुई। इसके बाद किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि शंभू सीमा पर से अवरोधक हटाने के बाद किसानों को सिर्फ सामान इकट्ठा करने में समय लगेगा, इसके बाद वे दिल्ली का रुख करेंगे। उन्होंने कहा कि पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने रास्ता खोलने का फैसला सुनाया, लेकिन हरियाणा सरकार सर्वोच्च न्यायालय चली गई। इससे साफ हो गया है कि किसानों ने रास्ता नहीं रोका है। उन्हें उम्मीद है कि शीर्ष अदालत किसानों के हित में फैसला सुनाएगी। डल्लेवाल ने किसान नवदीप जलबेड़ा की रिहाई की मांग को लेकर 17 से 18 जुलाई को अंबाला में एसएसपी कार्यालय का घेराव करने का एलान भी किया। साथ ही कहा कि पंजाब के बठिंडा और हरियाणा के सिरसा से किसानों का बड़ा जत्था खनौरी सीमा की ओर रुख कर चुका है। डल्लेवाल ने कहा कि शंभू सीमा पर आंदोलनरत किसान शुभकरण की मौत की जांच हरियाणा के एक आइपीएस अधिकारी को सौंपी गई है, जो अनुचित है। चूंकि इस मामले में हरियाणा पुलिस के अधिकारियों पर ही आरोप हैं, इसलिए जांच में न्याय मिलने की उम्मीद नहीं की जा सकती है। डल्लेवाल के मुताबिक, 22 जुलाई को देशभर के किसान संगठनों की दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब में बैठक होगी। किसान संगठनों ने तमाम विपक्षी सांसदों को अपनी मांगों को लेकर पहले ही ज्ञापन दिए हैं और उनसे आगे बातचीत भी की जाएगी।