नौकरी के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश, चार युवतियों समेत सात आरोपी गिरफ्तार

थाना सेक्टर-49 पुलिस ने बेरोजगारों से ठगी वाले गिरोह का पर्दाफाश करते हुए सरगना समेत सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है। जिसमें चार युवतियां भी शामिल हैं। पकड़े गए आरोपी सलारपुर में आफिस खोलकर बेरोजगारों को ठग रहे थे। इनके कब्जे से भारी मात्रा में मोबाइल, दो कार और अन्य दस्तावेज बरामद किए गए हैं। एडीसीपी मनीष कुमार मिश्रा ने बताया कि थाना सेक्टर-49 पुलिस ने सोमवार शाम सलारपुर स्थित मेट्रो खंबा संख्या 81 के पास क्वालिटी फर्नीचर की तीसरी मंजिल पर मौजूद एक कार्यालय से सरगना समेत सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपियों की पहचान सरगना वसीम अहमद उर्फ कपिल भाटी उर्फ पीयूष भाटी निवासी कुलेसरा, रोहित कुमार निवासी सूरजपुर, रोहित चंदेला उर्फ राहुल निवासी हबीबपुर, अनामिका निवासी सूरजपुर, लक्ष्मी, शिखा कुशवाह व शबा सभी निवासी कुलेसरा पुश्ता गौतमबुद्ध नगर के रूप में हुई है। पूछताछ में आरोपी वसीम अहमद ने बताया कि वह अपने साथी रोहित चंदेला उर्फ राहुल भाटी व रोहित कुमार के साथ मिलकर पिछले डेढ़ साल से नौकरी दिलाने के नाम पर लोगों से ठगी कर रहा है। इनका नोएडा में ‘दिल्ली जाब’ के नाम से यूट्यूब चैनल है, जिसमें यह नौकरी दिलाने के भ्रामक विज्ञापन डालते हैं, जिसे देखकर विभिन्न राज्यों से कई बेरोजगार बच्चे नौकरी की तलाश में इनके पास आते हैं। यह उन लोगों से सौ रुपए पंजीकरण शुल्क और 2500 से 3000 रुपए फाइल चार्ज/सिक्योरिटी मनी के रूप में लेते हैं। इनका किसी कंपनी से कोई करार नहीं है। गिरोह ने कुछ मुहर फर्जी बनवा रखी हैं। जिन लेटर पैड पर यह सील लगाकर बेरोजगारों को नियुक्ति पत्र बताकर देते हैं, वह भी फर्जी हैं। आरोपी ने बताया कि वे बेरोजगार युवकों से रुपए लेकर उन्हें फर्जी नियुक्ति पत्र देते हैं और यह कहकर भेजते हैं कि कुछ दिनों में नौकरी ज्वाइन करने के लिए फोन आएगा। नौकरी ना मिलने पर दूर-दराज से आए युवा बेरोजगार इनके पास लौटकर नहीं आते। कभी कभार जो लोग आकर अपनी रकम मांगते हैं, उन्हें यह सोशल मीडिया/ट्विटर पर उनके खिलाफ झूठी बातें ट्वीट कर डरा कर वहां से भगा देते थे। इनके सोशल मीडिया पर चार ट्विटर हैंडल/अकाउंट प्रकाश में आए हैं, जिनके नाम, जागरूकता न्यूज, वसीम पत्रकार, कविता चौहान और अरुण कुमार हैं। इनके माध्यम से यह बेरोजगारों समेत अन्य लोगों को डराने के लिए झूठे/भ्रामक ट्वीट पोस्ट करते हैं।

10 से 15 हजार रुपए वेतन पाने वाली युवतियां लेती थीं साक्षात्कार इस घोटाले में इन्हें मिलने वाली रकम तीनों, वसीम अहमद, रोहित कुमार और रोहित चंदेला आपस में बांट लेते थे। सोशल मीडिया पर इनका भ्रामक विज्ञापन देखकर नौकरी के लिए इनके पास कुछ लड़कियां आईं, जिन्हें इन तीनों ने अपने आफिस में नौकरी पर रख लिया। उन्हें केवल 10-15 हजार रुपए वेतन देते थे। इनका काम लोगों को बुलाना और फिर साक्षात्कार लेकर उनका चयन करना था। ये तीनों लोग अपने कार्यालय में तैयार फर्जी दस्तावेजों और नियुक्ति पत्र पर बारी-बारी से हस्ताक्षर करते थे और फर्जी मुहर लगाकर नियुक्ति पत्र दे देते थे। प्रचार के लिए इन लोगों के पास से नौकरी लगवाने वाले पर्चे भी मिले हैं, जिन्हें ये लोग जगह-जगह चिपकाते थे। वसीम अहमद के पास से एक फर्जी आधार कार्ड भी बरामद हुआ है, जिसे वह अपनी पहचान छिपाने के लिए अपने पास रखता था।

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