श्रमिकों की वास्तविक मजदूरी में गिरावट, क्रय शक्ति घटी : कांग्रेस

कांग्रेस ने गुरुवार वार को कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली सरकार में धीमी वेतन वृद्धि और कमरतोड़ महंगाई के कारण श्रमिकों की वास्तविक मजदूरी में गिरावट आई है तथा ऐसे में अब न्यूनतम मजदूरी 400 रुपए प्रतिदिन किए जाने की जरूरत है। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कुछ सरकारी आंकड़ों का हवाला देते हुए यह दावा भी किया कि आज श्रमिकों की क्रय शक्ति (खरीदारी करने की क्षमता) 10 साल पहले की तुलना में कम है। रमेश ने एक बयान में कहा कि केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए आधिकारिक आंकड़ों सहित डेटा के कई स्रोतों में एक तथ्य समान रूप से सामने आ रहा है कि आज श्रमिकों की क्रय शक्ति 10 साल पहले की तुलना में कम है। धीमी वेतन वृद्धि और कमरतोड़ महंगाई के कारण वास्तविक मजदूरी में अभूतपूर्व गिरावट आई है। श्रम ब्यूरो के वेतन दर सूचकांक के मुताबिक, 2014 और 2023 के बीच श्रमिकों की वास्तविक मजदूरी स्थिर हो गई है और 2019 से 24 के बीच तो कम भी हो गई है। रमेश ने दावा किया कि ‘कृषि मंत्रालय की कृषि सांख्यिकी एक नजर में’ (सरकारी आंकड़े) के अनुसार, डाक्टर मनमोहन सिंह के कार्यकाल में खेतिहर मजदूरों की वास्तविक मजदूरी हर साल 6.8 फीसद की दर से बढ़ी, जबकि मोदी के कार्यकाल में वास्तविक मजदूरी में हर साल 1.3 फीसद की गिरावट आई है। उन्होंने कहा कि आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण श्रृंखला के मुताबिक, समय के साथ औसत वास्तविक कमाई 2017 और 2022 के बीच सभी तरह के रोजगारों में स्थिर हो गई। रमेश ने कहा है कि 2014 और 2022 के बीच ईंट भट्ठों के श्रमिकों की वास्तविक मजदूरी स्थिर हो गई है या घट गई है। ईंट भट्ठे का काम अत्यधिक शारीरिक श्रम और कम वेतन वाला काम है जो सबसे गरीब लोगों का अंतिम विकल्प है।

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